जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल में चार माह में 164 बच्चों की मौत को लेकर अभी जांच पूरी भी नहीं हुई कि राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में इससे भी अधिक भयावह आंकड़ा सामने आया है.
रिम्स के शिशु विभाग में 18 बेड का स्पेशल न्यू बॉर्न केयर यूनिट संचालित है. इसमें समय से पहले जन्म लेेनेवाले व निर्धारित से कम वजनवाले बच्चों का इलाज किया जाता है.
इस यूनिट में अत्याधुनिक जीवन रक्षक उपकरण लगाये गये हैं. इस विंग को शुरू करने का उद्देश्य शिशु मृत्यु दर में कमी लाना था, पर ऐसा नही हो रहा। आंकड़े अभी और साफ होने हैं ये आंकड़ा सिर्फ रिम्स का है, राजधानी रांची के निजी शिशु अस्पतालों के आंकड़े सरकार के पास नहीं हैं. अगर पूरे झारखंड राज्य का आंकड़ा निकल जाए तो आंकड़ा काफी हैरानी भर होगा।