झारखंड के 38 मजदूरों को मलेशिया में बनाया यरगमाल, जानवरों की तरह हो रहा सलूक

गिरिडीह : झारखंड के 38 मजदूरों को मलेशिया में यरगमाल बना लिया गया है। कंपनी ने इन सभी का पासपोर्ट भी जब्त कर लिया है। इन्हें न तो मजदूरी दी जा रही है और न ही कोई सहूलत। इनके साथ जानवरों जैसा सलूक किया जा रहा है। इनमें गिरिडीह जिले के बगोदर व सरिया ब्लॉक और हजारीबाग जिले के अलग-अलग गांवों के मजदूर हैं। ये सभी जून 2015 में ट्रांसमिशन लाइन का काम करने के लिए मलेशिया गए थे।
इनमें से कुछ मजदूरों ने फोन पर अपने अहले खाना को इसकी इत्तिला दी। इसके बाद अहले खाना ने बगोदर के एमएलए नागेंद्र महतो को बताया। एमएलए ने वजीरे आला और दाखिला सेक्रेटरी से मुलाकात कर मजदूरों को आज़ाद कराने की मांग की। उन्हें मजदूरों के नाम और पासपोर्ट नंबर दस्तयाब कराया। जानकारी मिलते ही दाखिला सेक्रेटरी ने वज़ारत खाना से बात की और उन्हें छुड़ाने की कोशिश शुरू कर दी।

इन्हें बनाया यरगमाल

जगन्नाथ महतो, मुकेश, रेवतलाल, इदरीश अंसारी, सुरेंद्र, भीम महतो, सद्दाम हुसैन, सोमर, विजय, पोखन, गौरीशंकर, मोहन, दिलचंद, दिनेश, वासुदेव, संतोष, सुरेंद्र, बेदू, टुपलाल, बायनट्टी महतो, शिवदयाल महतो, मिथिलेश महतो, भोला पंडित, मोहन महतो, रामलखन, माणिक साव, बालेश्वर सिंह, गणेश महतो, उगन महतो, अमृत महतो, नुनूचंद महतो, श्यामसुंदर, अयोध्या, पोखन महतो, बलदेव, तुलसी, अशोक और रामलाल। ये सभी हजारीबाग के जोबर, उचाधम, पिराडीह, केंदुआडीह, भलुआ, गिरिडीह के बगोदर प्रखंड के चिचाकी, ढिबरा, दोंदलो, बंदखारो और सरिया प्रखंड के लुतियानो गांव के हैं।