रांची 3 मई : गवर्नर के सलाहकार मधुकर गुप्ता ने बिहार की तरह झारखंड के लिए खुसूसी मदद की दरख्वास्त की है। अपने दिल्ली दौरे के सिलसिला में उन्होंने मंसूबाबंदी कमीशन के सामने अपनी बात रखी थी। मंसूबाबंदी के रुकन डॉ के कस्तूरीरंगन और डायरेक्टर निधि खरे से बातचीत के दौरान झारखंड को बिहार की तर्ज पर खुसूसी मदद देने की दरख्वास्त भी की थी। मिस्टर गुप्ता के मुताबिक मुल्क भर में बुनयादी ढांचा इंडेक्स में झारखंड का मकाम 25वां है, ऐसे में रियासत को खुसूसी मदद की जरूरत है। मिस्टर गुप्ता ने इस सिलसिले में रियासत की तरक्की कमिश्नर को 25 अप्रैल 2013 को ख़त भेजा है। उनसे इस सिलसिले में बाकायदा कार्रवाई करने की हिदायत भी दी है।
सलाहकार मिस्टर गुप्ता ने ख़त में लिखा है
मंसूबाबंदी कमीशन झारखंड में जराअत को तरजीह नहीं दिये जाने पर तशवीश है। खास कर आबपाशी की सूरतेहाल, पैदावारी की सूरतेहाल, खाद्यान्नों का पैदावारी बढ़ाने की सिम्त में डायवर्सिफिकेशन करने जैसी बातों पर ज्यादा तवज्जो देने की जरूरत है। रियासत की गिरती सेहत की खिदमत और तालीम के मैदान में म्यार के मुताबिक खरा नहीं उतरने पर भी तशवीश ज़ाहिर की गयी। कहा गया कि मेडिकल कॉलेजों में सीटें नहीं बढ़ायी जा रही हैं। ह्यात्यती तनुअ कानून और देहि सतह पर जंगल तहफ्फुज़ की मंसूबाबंदी को लागू करने, रियासत में चल रही फ्लैगशिप मंसूबों में बेहतर कारकरदगी का मुज़ाहेरा नहीं होना भी पस्मंदगी की बुनयादी वज़ह रहा है।
फरवरी में आयी थी मंसूबाबंदी कमीशन की टीम
बैठक में कहा गया था कि सुवर्णरेखा बहुद्देशीय मनसूबे को लेकर मरकज़ ज्यादा एहतियात बरत रहा है। रियासत में जंगलों के जंगलात की सह्बत, वानिकीकरण (जंगल लगाने का कम) मंसूबा में उठाये जा रहे कदम, ग्रीन इंडिया मिशन के तहत बनायी जा रही इन्तेज़ामी मंसूबाबंदी पर भी बहस की गयी। रियासत के चीफ सेक्रेटरी की सदारत में आलूदगी के मअयर पर अम्ल करने के लिए फर्क महकमा जाती टीम का तशकील करने का मशवरा कमीशन ने दिया है।
सलाहकार मिस्टर गुप्ता ने हवाला दिया है कि फरवरी के महीने में मंसूबाबंदी कमीशन की टीम रांची आयी थी। इसमें कई मंसूबों को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड पर चलाने पर तरीकों पर चलने पर तबादला ख्याल किया गया था। इसमें रफ़्तार लाने की हिदायत दी गई है।