झारखंड गैंगरेप के दो आरोपी अरेस्ट, बदला लेने के लिए किया रेप, पेशाब भी पिलाया

झारखंड में खूंटी गैंगरेप की घटना को पत्थलगड़ी समर्थकों के दूसरे बड़े नेता जॉन जुनास तिडू के कहने पर अंजाम दिया गया। यह दावा है एडीजी ऑपरेशन आरके मल्लिक का। शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस में मल्लिक ने बताया कि मामले में अजूब सांडी पूर्ति व आशीष लोंगो को गिरफ्तार किया गया है। दोनों को जेल भेज दिया गया है। इतना ही नहीं साक्ष्य छिपाने व पुलिस को गुमराह करने को लेकर आरसी मिशन स्कूल के फादर अलफोंस आईंद को भी जेल भेज दिया गया है। मल्लिक ने बताया कि वारदात को बदले की भावना से पत्थलगड़ी समर्थकों व पीएलएफआई उग्रवादियों ने अंजाम दिया। गिरफ्तार अजूब सांडी पश्चिमी सिंहभूम के लड़ाउली बंदगांव और आशीष सोनुआ के बुडमकेल का है।

पत्थलगड़ी कराने वाले नेता के कहने पर हुआ वारदात: मल्लिक ने बताया कि 19 जून को आशा किरण संस्था टीम को कोचांग ले गई थी। तिडू ने ही पीएलएफआई व पत्थलगड़ी समर्थकों को बताया कि टीम पत्थलगड़ी का विरोध करती है। आशीष लोंगो और अजूब सांडी ने 164 के तहत दर्ज बयान में बताया है कि तिडू के कहने पर ही छह युवक स्कूल आए। इसके बाद टीम को छोटाउली जंगल ले गए। जंगल में तीन युवकों ने पांचों युवतियों से गैंगरेप किया।

आरोपी की हुई पहचान
गैंगरेप मामले में छपी तस्वीर की पहचान पीएलएफआई के एरिया कमांडर टकाला के रूप में हुई है। टकला उर्फ बाजी समद सरायकेला के लुदूबेड़ा गांव का रहने वाला है। पिछले दो दिनों से कोचांग और आसपास के ग्रामीण आरोपियों की तलाश कर रहे हैं। तलाश कर रहे हैं। कई युवक गांव के चारों ओर बाईक पर सवार होकर उन्हें ढुंढ़ रहे हैं।

सात कांडों में पहले से वांटेड है जॉन जुनास तिडू 
खूंटी में पत्थलगड़ी कराने वालों में जॉन जुनास तिडू दूसरा बड़ा नेता माना जाता है। वह पत्थलगड़ी गांव कुरूंगा का रहनेवाला है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, खूंटी में पुलिस अधिकारियों को बंधक बनाने समेत सात मामलों में जॉन की तलाश है। फरारी के क्रम में भी वह पत्थलगड़ी करा रहा।
दुष्कर्म केस में भी फादर को रिमांड पर लेगी पुलिस
आरके मल्लिक ने कहा है कि गैंगरेप के केस में भी पुलिस फादर अलफोंस आइंद को रिमांड पर लेगी। अगर जांच में गैंगरेप के कांड में भी किसी प्रकार फादर की संलिप्तता सामने आयी तो उनके खिलाफ चार्जफ्रेम होगा।

मोबाइल फोन में मिला दुष्कर्म का वीडियो
महिलाओं से दुष्कर्म का वीडियो उनके ही मोबाइल से बना था। अपराधियों ने बाद में चिप को नष्ट कर दिया था। हालांकि एक फोन में दुष्कर्म का वीडियो स्टोर हो गया था। पुलिस ने उस वीडियो को मोबाइल समेत जब्त किया है।

बंधकों को पिलाया पेशाब
युवतियों के साथ दुष्कर्म करने वालों ने उन्हें पत्थलगड़ी के विरोध पर धमकाया भी था। एडीजी आरके मल्लिक ने शनिवार को प्रेस कान्फ्रेंस में बताया कि दुष्कर्मियों ने महिलाओं को यह कहकर धमकाया कि पत्थलगड़ी के खिलाफ पर्चे बांटते हो, अब इसका अंजाम भुगतो। बंधक बनाए गए तीन कर्मियों को भी युवकों ने पेशाब पिलाया। इसके बाद उन्हें कहा कि यह बगैर इजाजत यहां आने और पत्थलगड़ी के विरोध की सजा है।

8 साल की बच्ची से 45 साल का टीचर कर रहा था दुष्कर्म, मां ने देखा

फादर को क्यों भेजा गया जेल: एडीजी ने बताया कि घटना के बाद फादर अलफोंस आइंद की भूमिका काफी संदेहास्पद रही। पांचों पीड़िता को आरोपी उनके सामने से उठा ले गए थे। लेकिन फादर ने इसकी सूचना पुलिस को नहीं दी। फादर ने खूद कबूला है कि वह बाजार में सब्जी लेने चले गए थे। 20 जून को भी वह खूंटी आए थे, लेकिन वह पूरे मामले को दबा रहे थे। एडीजी ने बताया कि फादर की मंशा अपराधियों को बचाने की थी।

ग्रामीण भी खोज रहे दुष्कर्मियों को
जानकारी के अनुसार कोचांग और आसपास गांवों के ग्रामीण दुष्कर्म की घटना को अंजाम देने वाले उग्रवादियों की तलाश कर रहे हैं। कई युवक गांव के चारों ओर बाइक पर सवार होकर उन्हें ढूंढ़ रहे हैं। ग्रामीणों की योजना है कि अगर दुष्कर्म के आरोपी पकड़े जाते हैं, तो उन्हें पुलिस के हवाले कर दिया जाएगा। अगर अपराधी शक्ति का पयोग करते हैं ग्रामीण उनका सेंदरा भी कर सकते हैं।

लगभग डेढ़-दो सौ ग्रामीण कोचांग गांव में जमे हुए हैं। इलेक्ट्रोनिक और प्रिंट मीडिया की एक टीम शनिवार को मामले की जानकारी और गांव की स्थिति जानने कोचांग गांव पहुंची। कोचांग बाजारटांड़ की छपरी में बड़े-बड़े डेग में चावल और आलू, सोयाबीन की सब्जी बनी थी। वहां लगभग डेढ़ सौ ग्रामीण बैठक कर इसी मुद्दे पर चर्चा कर रहे थे। दूसरी तरफ जिस स्कूल से युवतियों को उठाया गया था, उसके सभी कमरों में ताले लटक रहे थे। नाटक करने के लिए टीम को बुलाने वाले चर्च कैंपस का दरवाजा दोनो ओर से बंद था। इधर पत्थलगड़ी समर्थक बलराम समद ने कहा कि इस घटना में पत्थलगड़ी समर्थकों का हाथ नहीं है। बाहर से आये लोगों ने इस घटना को अंजाम दिया है।

महिला आयोग की टीम ने जाना पीड़ितों का हाल 
राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम शनिवार को खूंटी पहुंची। टीम ने गैंगरेप पीड़िताओं से मुलाकात की और उनका हाल जाना। टीम में दिल्ली की प्रीति कुमार, चाईबासा की शालिनी सिंह व रांची की कल्याणी शरण मौजूद थीं। टीम ने खूंटी के डीसी और एसपी से भी मुलाकात की और अबतक हुई कार्रवाई की जानकारी ली। प्रशासन और पीड़िताओं से बातचीत के बाद टीम ने कहा कि घटना सत्य है। यह जघन्य अपराध है और आरोपियों को वह हर हाल में सजा दिला कर रहेंगी। घटना को जिस विभत्स तरीके से अंजाम दिया गया है वह पाश्विक बर्ताव है। टीम ने प्रशासन की अबतक की कार्रवाई पर संतोष जताया। कहा कि प्रशासन की तहकीकात सही दिशा में चल रही है। उसकी कार्रवाई भी तेज गति से हो रही है। यही कारण है कि घटना में शामिल दो लोग गिरफ्तार कर लिए गए।

पीड़िताओं की हो रही काउंसिलिंग: एडीजी ने बताया कि गैंगरेप की घटना के बाद खूंटी डीसी के स्तर से पीड़िताओं की काउंसिलिंग की जा रही है। पुलिस की सुरक्षा पीड़िताओं को मुहैया करायी गई है। एडीजी ने बताया कि हरसंभव मदद पीड़िताओं को की जाएगी।

केस का होगा स्पीड ट्रायल: एडीजी 
खूंटी में पत्थलगड़ी समर्थकों व पीएलएफआई उग्रवादियों द्वारा गैंगरेप की वारदात का स्पीडी ट्रायल कराया जाएगा। एडीजी आरके मल्लिक ने बताया कि पुलिस प्राथमिकता के आधार पर गैंगरेप के केस का स्पीडी ट्रायल कराएगी, अनुसंधान टीम में विधिक सलाह के लिए वकीलों को भी रखा जाएगा। गिरफ्तार आशीष लोंगो और अजूब सांडी पूर्ति का पहचान परेड भी करायी गयी है, पीड़िताओं ने दोनों की पहचान की है। एडीजी ने बताया कि कांड में शामिल आरोपियों के अलावे वैसे लोगों को भी चिन्हित किया जा रहा, जिन्होंने गैंगरेप के लिए आरोपियों को प्रेरित किया। कांड में जिस-जिस के खिलाफ साक्ष्य मिलेगा, पुलिस उसे जेल भेजेगी।