झारखंड बंद : रांची सहित कई शहरों में तोड़-फोड़, आगजनी

रांची : सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ आज विपक्ष ने झारखंड बंद का आह्वान किया है. झामुमो, कांग्रेस, झाविमो, राजद, जदयू सहित वामदल ने संयुक्त रूप से बंद की घोषणा की है हालांकि आवश्यक सेवाओं को बंद से मुक्त रखा गया है. राजधानी रांची सहित प्रमुख शहरों में जहां सुरक्षाबलों को सुबह से ही तैनात कर दिया गया है वहीं ग्रामीण इलाकों में भी बंद समर्थकों से निपटने के लिए उचित व्यवस्था की गई है. विपक्षी पार्टियों ने आम लोगों, व्यवसायियों और ट्रांसपोर्टरों से बंद का समर्थन करने की अपील की है. बंद के मद्देनजर राजधानी के निजी स्कूलों ने छुट्टी भी कर दी है. इधर बंद की पूर्व संध्या पर राजधानी सहित कई जिलों में विपक्षी पार्टियों ने मशाल जुलूस निकाला. उधर, बंद से निबटने के लिए पुलिस-प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद दि खाई दे रहा है सुबह से ही अतिरिक्त बल की तैनाती कर दी गई है.

सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था की गई है. राज्य में 4000 अतिरिक्त फोर्स तैनात किये गए हैं. इस संबंध में पुलिस मुख्यालय के प्रवक्ता आइजी अभियान एमएस भाटिया ने बताया कि 25 नवंबर की बंद को लेकर पुलिस अलर्ट है. रांची, जमशेदपुर व बोकारो जिला में रैपिड एक्शन पुलिस (रैप) के जवानों की तैनाती भी की गयी है. इसके अलावा बंद करानेवालों की वीडियोग्राफी की जा रही है. बंद कराने वालों पर ड्रोन कैमरे से भी नजर रखी जा रही है.

हर जिले की पुलिस को फ्लैग मार्च करने और सुरक्षात्मक उपाय करने के निर्देश दिये गये हैं. इधर राजधानी रांची में गुरुवार को देर शाम सुरक्षा बलों ने फ्लैग मार्च किया. प्रशासन ने निषेधाज्ञा लागू कर दी है. माइक से लोगों को इसकी जानकारी भी दी गयी. सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ विपक्ष द्वारा आज आहूत झारखंड बंद को हाइकोर्ट ने गंभीरता से लिया है. हाइकोर्ट ने स्वत:संज्ञान लेते हुए इसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया. एक्टिंग चीफ जस्टिस प्रदीप कुमार मोहंती व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने मुख्य सचिव, गृह सचिव व डीजीपी को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि बंद के दौरान आम लोगों को कोई परेशानी न हो. वहीं सरकारी, गैर सरकारी संपत्ति की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया. खंडपीठ ने कहा कि बंद के दौरान हथियार लेकर नहीं चलें. दुकानों-कार्यालयों को जबरन बंद नहीं करायें. हर जिले के उपायुक्त को निर्देश दिया कि बंद के दौरान वीडियोग्राफी करायें. यदि बंद के दौरान सरकारी संपत्ति, निजी संपत्ति को कोई नुकसान पहुंचाया जाता है, तो बंद करानेवाली पार्टी व उसके पदाधिकारी इसके जिम्मेवार होंगे तथा उन्हें नुकसान की भरपाई करनी पड़ेगी. खंडपीठ ने चुनाव आयोग से निबंधित राजनीतिक दलों को नोटिस जारी करने का भी निर्देश दिया. इससे पूर्व वरीय अधिवक्ता अनिल कुमार सिन्हा व अधिवक्ता राजीव कुमार ने कोर्ट के समक्ष बंद का मुद्दा उठाया. उन्होंने अखबारों में छपी खबर की प्रति कोर्ट में प्रस्तुत करते हुए आम लोगों को होनेवाली कठिनाइयों से अवगत कराया तथा अदालत से संज्ञान लेने का आग्रह किया. उल्लेखनीय है कि बंद को लेकर पूर्व में सुप्रीम कोर्ट आदेश पारित कर चुका है. पूर्व में भी झारखंड हाइकोर्ट बंद और सड़क जाम पर संज्ञान ले चुका है.

रांची के सर्कुलर रोड में बंद समर्थक कर रहे हैं तोड़-फोड़. बंदी के मद्देनजर पूर्व मंत्री जलेश्‍वर महतो को रातभर पुलिस ने उनके आवास में उनको नजरबंद बनाए रखा. आज सुबह उन्हें समर्थकों के साथ पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. आदिवासी होस्टल के बाहर प्रदर्शन कर रहे बंद समर्थकों को पुलिस ने हिरासत में लिया. राजधानी रांची के इटकी रोड स्थित आइटीआइ बस स्टैंड में पूरी तरह सन्नाटा पसरा है. यहां दुकानें बंद हैं और बसों का परिचालन पूरी तरह से ठप है. रांची के हरमू बाजार में बंद समर्थक बड़ी संख्‍या में बंद कराने पहुंचे लेकिन पुलिस के मौके पर पहुंचते ही वे भाग खड़े हुए.

मालूम हो की सीएनटी-एसपीटी में संशोधन के विरोध में 25 नवंबर को बंदी के दौरान तोड़फोड़ और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर पुलिस तुरंत कार्रवाई करेगी. आरोपी के खिलाफ तत्काल सरकारी काम में बाधा पहुंचाने और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का केस दर्ज करते हुए जेल भेजा जायेगा. साथ ही तोड़फोड़ करनेवाले के खिलाफ क्राइम कंट्रोल एक्ट (सीसीए) के तहत कार्रवाई की जायेगी. उनके खिलाफ जिला बदर (तड़ीपार) की कार्रवाई भी होगी. यह निर्देश गुरुवार की रात बैठक के बाद एसएसपी कुलदीप द्विवेदी ने अपने अधीनस्थ अधिकारियों को दिया है.