झारखंड-बिहार के इंजीनियर सबसे काबिल

मुल्क भर के अदारों से हर साल 5 लाख इंजीनियर पढ़ाई पूरी करके निकलते हैं। लेकिन इनमें से ज़्यादातर 13 फीसद ही आईटी सेक्टर में नौकरी के लायक हैं। वो भी दिल्ली के। चेन्नई में तो सिर्फ एक फीसद इंजीनियर नौकरी करने के लायक हैं। ‘एस्पायरिंग माइंड्स’ ने एक रिपोर्ट में यह दावा किया है।

रिपोर्ट के मुताबिक हालत सब शहरों और रियासतों की खराब है। लेकिन उनमें देखा जाए तो दिल्ली, बिहार और झारखंड के इंजीनियर सबसे काबिल हैं। आंध्रप्रदेश और तमिलनाडु के इंजीनियर की काबिलियत काफी कम है। एस्पायरिंग माइंड्स ने ‘नेशनल एम्पलॉयबिलिटी रिपोर्ट ऑफ इंजीनियरिंग ग्रेजुएट- 2014’ हेड लाइन से रिपोर्ट जारी है। इसके मुताबिक आईटी सर्विस के लिए दिल्ली के इंजीनियरों की काबिलियत सबसे ज़्यादा 13 फीसद है। चेन्नई में यह अदाद सबसे कम एक फीसद है। इस मामले में बेंगलुरू (3.7 फीसद) सबसे ऊपर है। तकर्रुरी के नजरिए से छोटे शहरों की मुक़ाबले नहीं की जा सकती।

खतरनाक तरीके से बढ़ रहे हैं कॉलेज

रिपोर्ट 2013 के ग्रेजुएट्स पर आधारित है। इसमें 18 रियासतों के 520 इंजीनियरिंग कॉलेजों के 1 लाख 20 हजार से ज़्यादा इंजीनियरिंग तालिबे इल्म के अदाद व शुमार शामिल किए गए। इसके मुताबिक मुल्क में इंजीनियरिंग कॉलेजों की तादाद जिस तरीके से बढ़ रही है, वह खतरनाक है। इंजीनियरों में काबिलियत कम होने का यह अहम वजह है।

क्वालिटी पर ध्यान दें रियासत

“रिपोर्ट में इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स में रोजगार की काबलियत का पता लगाया है। कुछ रियासतों से बड़ी तादाद में इंजीनियर निकल रहे हैं। लेकिन औसतन काबिलियत कम है। वाजेह है कि रियासतों को काबलियत बढ़ाने की बजाए क्वालिटी पर ध्यान देने की जरूरत है।”
हिमांशु अग्रवाल, सीईओ, एस्पायरिंग माइंड्स