झारखंड में तेजी से बढ़ रहा एड्स, रियासत में करीब 11 हजार एचआइवी शिकार

झारखंड में करीब 11 हजार अफराद एचआइवी से मुतसिरा हैं। इसमें से तकरीबन 90 फीसद यानी 9,990 सख्स गैर महफूज जिंसी तालुकात की वजह से एचआइवी से मुतसिरा हुए हैं।
एआरटी (एंटीरिट्रोवायरल थिरेपी) सेंटर रिम्स के नोडल ऑफिस के मुताबिक बेदारी के बाद भी रियासत में गैर महफूज जिंसी ताल्लुक़ात की वजह से लोग एचआइवी की चपेट में आये हैं। 15 साल से कम उम्र के एचआइवी बच्चे जो अपनी मां से मुतसिरा हुए हैं, उनकी तादाद छह फीसद है।

यहां होता है इलाज

एआरटी सेंटर में एचआइवी मुतसिरा मरीजों का इलाज किया जाता है। मरीजों को दवा के साथ बेदार भी किया जाता है। प्राइवेट जांच घर से जांच करानेवाले मरीज की जांच आइसीटीसी सेंटर से दुबारा करानी पड़ती है। जांच में एचआइवी की तसदीक़ होने पर उनका रजिस्ट्रेशन एआरटी सेंटर पर किया जाता है। एचआइवी मुतसिरा मरीज छह महीने पर फॉलोअप में आते हैं, वहीं एड्स के मरीज हर माह इलाज के लिए आते हैं।

रियासत भर में जगह-जगह छह एआरटी सेंटर

रांची
देवघर
धनबाद
जमशेदपुर
हजारीबाग
डालटनगंज

= शुक्रिया प्रभात खबर =