झारखंड के लोगों में बयरून मुल्क जाने का क्रेज बढ़ रहा है। तलबा-तालेबात बेहतर तालिम के लिए पासपोर्ट बनवा रही हैं। बयरून मुल्क में सैर-सपाटे के लिए भी लोग पासपोर्ट बनवा रहे हैं।
अदाद और शुमार के मुताबिक झारखंड में साल 2009 में 35,172 लोगों ने पासपोर्ट बनवाया था जो साल 2012 में 68,723 तक पहुंच गया। मुक़ामी पासपोर्ट अफसर सनातन ने बताया कि रांची पासपोर्ट दफ्तर से रोजाना औसतन 400 लोगों का पासपोर्ट इशू किया जाता है। उन्होंने बताया कि साल 2013 के आखिर तक एक लाख पासपोर्ट इशू करने का मक़सद है।
दो हजार से ज़्यादा पासपोर्ट अल्तवा
राइट टू सर्विस एक्स का सही तरीके से अमल नहीं होने की वजह पासपोर्ट ऑफिस में दो हजार से ज़्यादा पासपोर्ट ज़ेरे अल्तवा हैं। पासपोर्ट अफसर ने बताया कि पुलिस वेरिफिकेशन नहीं होने की वजह 2113 पासपोर्ट ज़ेरे अल्तवा है। अगर 21 दिनों के अंदर पुलिस वेरिफिकेशन मिल जाता है तो समय पर पासपोर्ट इशू हो जाता है। उन्होंने बताया कि रियासत में तमाम जगहों पर ऐसी हालत नहीं है। रांची, हजारीबाग, धनबाद, बोकारो से पुलिस वेरिफिकेशन देर से मिलता है।