झारखंड में एटीएस बनाने की कवायद शुरू हो गई है। सीआइडी ने इस बाबत रियासती हुकूमत को खत भेजी है। इसमें रियासत में मुश्तबा सरगरमियों की तौसिह रिपोर्ट दी गई है। इसके साथ ही दहशतगर्दों की तरफ से बड़े वाकिया को अंजाम दिए जाने की एमकान भी जताये गये है। सीआइडी की खत पर कार्रवाई भी शुरू हो गई है। एटीएस पर हर साल करीब 15 करोड़ रुपए खर्च होने का अंदाज़ा लगाया गया है।
खत में कहा गया है कि इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया, इंडियन मुजाहिद्दीन जैसे तंजीम मुल्क की सेक्युर्टी के लिए खतरनाक हैं। हाल के दिनों में कई वारदात के तार झारखंड से जुड़े मिले हैं। रांची, जमशेदपुर, हजारीबाग और पलामू में मुश्तबा की गिरफ्तारी हुई है। दहशतगर्द तंजीम रांची मॉडय़ूल के तौर में काम करने लगे थे। इसके मेंबरों की तरफ से झारखंड में बड़ी वारदात को अंजाम देकर कानून निज़ाम की संगीन मसला पैदा की जा सकती है। खत में कई दहशतगर्द वारदात का जिक्र किया गया है।
28 जनवरी 2002 को हजारीबाग में पाकिस्तान के दो मुश्तबा मो इदरीस और मो सलीम के मुठभेड़ में मारे जाने से लेकर इस साल 22 मई को रांची के सीठियो से पकड़े गए मुश्तबा का ज़िक्र किया गया है। खत में अहमदाबाद और सूरत धमाके कांड के सिलसिले में रांची से गिरफ्तार किए गए दानशि और मजहर इमामुद्दीन का ज़िक्र है। इन दोनों को 21.6.2011 और तीन मार्च 2013 को पकड़ा गया था। आइएम के अबू फजल उर्फ डॉक्टर को 11.6.2011 को जमशेदपुर से पकड़ा गया।
गांधी मैदान और बोधगया धमाके के सिलसिले में सीठियो के इम्तियाज, तहसीन, तारिफ उर्फ एनुल, हैदर अली, नुमान आलम समेत कई मुश्तबा की 19.5.2014 से 22.5.2014 गिरफ्तारी का भी जिक्र खत में है। इसमें कहा गया है कि इन गिरफ्तारियों से चेन्नई, रायपुर, हैदराबाद, गुजरात और पटना बम धमाके की गुत्थी सुलझ गई। सीआइडी के मुताबिक राजस्थान के अजमेर में 11.10.2007 को दहशतगर्द वाकिया हुई थी। इसकी जांच सीबीआई कर रही है। इसके एक मुश्तबा देवेंद्र गुप्ता ने कबूला है कि वह जामताड़ा जिले के मिहिजाम वाकेय आरएसएस दफ्तर में वाकिया के ठीक पहले रहा था।
आइएसआइ एजेंट था फैजल
रियासत के पुलिस अफसरों को उस वक़्त बड़ा झटका लगा था, जब कानपुर पुलिस की तरफ से 18 सितंबर 2011 को धुर्वा थाना इलाक़े में छापामारी कर फैजल रहमान उर्फ गुड्डु को गिरफ्तार किया गया था। उसके पास से कई कबीले एतराज़ सामान मिले थे। पूछताछ में उसने कुछ नहीं बताया, लेकिन चार्जशीट में उस पर आइएसआइ एजेंट के तौर में काम करने का इल्ज़ाम साबित हुआ था। जांच में यह भी पता चला कि वह 1990 से 1997 तक कराची में रह चुका है। उसकी शादी पाकिस्तान की रहने वाली शाईमा फातमी की बेटी सायदा मो मुमताज हसन से हुई है।