झारखंड के लिए अच्छी खबर। जल्द ही यहां के एक बड़े हिस्से में इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की रफ्तार पकड़ने वाली है। इससे रियासत की तरक़्क़ी तो होगा ही, रियासत के बेरोजगारों को काम भी मिलेगा। रियासत का 196 किलोमीटर इलाका अमृतसर-दिल्ली-कोलकाता इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर के तौर में डेवलप किया जा रहा है। भारत सरकार की यह अहम मंसूबा है।
यह कॉरिडोर मुल्क के सात रियासतों से होकर गुजर रही है। इसमें झारखंड भी शामिल है। नोड प्वाइंट डेव्लप करने की मंसूबा पर झारखंड हुकूमत ने काम करना शुरू कर दिया है।
रियासत में मूअदनी की जायदाद को देखते उम्मीद की जा रही है। मूअदनी की बुनियाद पर इंडस्ट्री लगाने में कई लोग इन्टरेस्ट दिखा सकते हैं। रियासती हुकूमत इस कॉरिडोर का इस्तेमाल सीमेंट और स्टील की बुनियाद पर इंडस्ट्री की कियाम करना चाह रही है। इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए जमीन अराजी की अमल शुरू कर दी गई है। अमृतसर-दिल्ली-कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर कई मायने में खास होगा क्योंकि इसे ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के किनारे डेव्लप किया जा रहा है।
अमृतसर-दिल्ली- कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के 15 किलोमीटर के आसपास के इलाक़े में इंडस्ट्री और बाजार समेत दीगर बुनियादी सहूलतों की डेव्लप किया जाएगा। इसके बाद इन्वेस्ट के ख़्वाहिश लोगों को इस इलाक़े में इंडस्ट्री लगाने के लिए मदउ किया जाएगा। हुकूमत की मंसूबा इस कॉरिडोर में मैन्युफैक्चरिंग शोबे से जुड़े इंडस्ट्री का कायम करना है। इस कॉरिडोर को डेव्लप करने से आसपास रहने वाले लोगों को आसानी से रोजगार मिलने की इमकान है।
अमृतसर से लेकर कोलकाता तक कायम होने वाले 1839 किलोमीटर लंबा इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर पर 5000 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च आने की उम्मीद है। कोलकाता से लेकर अमृतसर के दरमियान पड़ने वाले कई अहम जगहों को इंडस्ट्रियल हब के तौर में डेव्लप करने की मंसूबा है।