झारखंड : राजस्व बढ़ाने के लिए बढ़ाया जा सकता है टैक्स

पेट्रोल-डीजल की कीमत में कमी आने से इसकी फरोख्त से मिलनेवाले आमदनी में कमी आयी है। इसे दूर करने के लिए कारोबारी महकमा फिलहाल दूसरे जरिये से ज़्यादा वसूली करने की कोशिश कर रहा है। पेट्रोल-डीजल पर टैक्स (वैट) बढ़ा कर आमदनी की कमी दूर करने को आखरी ऑप्शन के तौर में रखा गया है।

इंटेरनेशन बाजार में पेट्रोल और डीजल की कीमत में कमी आने से मुल्क में पेट्रोल-डीजल के खुदरा मूल्य में गिरावट आयी है। खुदरा बाजार में कीमत कम होने से रियासत को पेट्रोल-डीजल से मिलनेवाला आमदनी भी मुतासीर हुआ है।

कारोबारी महकमा के ज़राये के मुताबिक गुजिशता माली साल में पेट्रोल से मिलनेवाले आमदनी की इजाफा 34 फीसद और डीजल से मिलनेवाले आमदनी की इजाफा दर 23 फीसद थी। चालू माली साल में पेट्रोल से आमदनी की इजाफा दर 34 फीसद से घट कर 16 फीसद और डीजल से मिलनेवाले आमदनी की इजाफा दर 23 से घट कर 11 फीसद पर पहुंच गयी है। इससे हुकूमत को गुजिशता साल के मुकाबले इस साल इस मद में तकरीब 200 करोड़ रुपये कम आमदनी मिलने की इमकनात है। इस मद में हुकूमत को करीब 1800 करोड़ रुपये आमदनी मिला था। चालू माली साल के दौरान इस मद से अब तक करीब 1500 करोड़ रुपये ही मिले हैं। पेट्रोल-डीजल की कीमत कम होने की वजह से झारखंड की तरह दूसरे रियासतों का भी आमदनी मुतासीर हुआ है।

इससे उबरने के लिए कई रियासतों ने पेट्रोल-डीजल पर टैक्स बढ़ा दिया है। ओड़िशा ने पेट्रोल पर लगनेवाले टैक्स को 20 फीसद से बढ़ा कर 23 फीसद कर दिया है। मध्य प्रदेश ने डीजल पर 27 फीसद और पेट्रोल पर टैक्स 31 फीसद कर दिया है। बिहार में पेट्रोल पर 22 फिसद की दर से टैक्स की वसूली हो रही है। डीजल पर 18 फीसद टैक्स के अलावा 10 फीसद की दर से सरचार्ज भी लगाया गया है। हालांकि झारखंड में अब भी पेट्रोल पर 20 फीसद और डीजल पर 18 फीसद की दर से टैक्स की वसूली हो रही है।

पेट्रोल-डीजल की कीमत कम होने से टैक्स में होनेवाले नुकसान को पाटने के लिए दूसरे जरिये से वसूली तेज की जा रही है। इन सोरसों से रियासत की कमी की भरपाई नहीं होने पर टैक्स बढ़ाने का आखरी ऑप्शन के तौर में चुना गया है।