बी जे पी क़ाइद एल के अडवानी ने आज इलेक्शन कमीशन के तारीख़ साज़ फ़ैसले की सताइश की जिसने राज्य सभा के झारखंड में इंतेख़ाबात मंसूख़ कर दिए। अडवानी ने कहा कि ये इक़दाम हुकूमत के इस्तेमाल के इंसेदाद में दूर रस असरात मुरत्तिब करेगा और ऐसा कोई शख़्स मुक़ाबला में खड़ा नहीं हो सकेगा जिसे सयासी ताईद हासिल ना हो।
अडवानी ने एन डी ए की क़ानून अवाम नुमाइंदगी 2003 में मुजव्वज़ा तरमीम की जानिब दुबारा तवज्जा मबज़ूल करवाते हुए कहा कि राज्य सभा के इंतेख़ाबात ज़्यादा शफ़्फ़ाफ़ होने चाहिऐं। इलेक्शन कमीशन का फ़ैसला और एन डी ए की तरमीम इस बात को यक़ीनी बनाएंगे कि पैसे की ताक़त रियास्ती मुक़न्निना कौंसिलों के इंतेख़ाबात में अब ज़्यादा अहम बाक़ी नहीं रहेगी।
अडवानी ने कहा कि इन के ख़्याल में इलेक्शन कमीशन ख़ुसूसी शुक्रिया का मुस्तहिक़ है। क्योंकि इसने ये हुक्म जारी किया है। अडवानी ने आज अपने ब्लॉग पर तहरीर करते हुए चीफ़ इलेक्शन कमिशनर एस वाई क़ुरैशी को जारीया साल के झारखंड राज्य सभा इंतेख़ाबात मंसूख़ करने के हुक्मनामा के इजरा पर तहनियत पेश की। बी जे पी क़ाइद ने इंतेख़ाबी इस्लाहात का भी तज़किरा किया और कहा कि बर्तानिया में जहां पारलीमानी नशिस्तें एक बार फ़रोख्त की गई थीं इंतेख़ाबात को शफ़्फ़ाफ़ बनाने के लिए इस्लाहात की गई हैं।
उन्होंने कहा कि बर्तानिया में इंतेख़ाबात इस्लाहात की तारीख़ से हिंदूस्तान में फैले हुए आम इंतेख़ाबात के जुनून को ख़तम करने में मदद मिलेगी। आम ख़्याल ये है कि पैसे की ताक़त के इंतेख़ाबात में बढ़ते हुए असर-ओ-रसूख़ का कोई ईलाज नहीं है।
अडवानी ने इलेक्शन कमीशन को झारखंड बी जे पी की इलेक्शन कमीशन पर तन्क़ीद का ख़्याल किए बगैर मुबारकबाद पेश की। झारखंड बी जे पी ने इंतेख़ाबात मंसूख़ करने के इलेक्शन कमीशन के फ़ैसले पर सख़्त तन्क़ीद की है।