रांची : झारखंड सरकार सभी को लागत मूल्य पर आवास देगी, लेकिन इसका लाभ उन्हीं को मिलेगा, जिनके अपने या परिवार के किसी सदस्य के नाम से देश के किसी हिस्से में मकान न हो. आवास छह लाख रुपये तक के सालाना आय वालों को ही मिलेगा. यह घोषणा राज्य सरकार की आवास नीति में की गयी है, जिसे नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने सोमवार को जारी किया है.
विभाग द्वारा झारखंड अफोर्डेबल अरबन हाउसिंग पॉलिसी 2016 जारी की गयी है. चाहे एसटी, एससी, ओबीसी, विकलांग, अल्पसंख्य, वरिष्ठ नागरिक सबके लिए आवास मुहैया कराया जायेगा. इसके लिए सरकार पब्लिक प्राइवेट पीपुल पार्टनरशिप के तहत भी आवास उपलब्ध करायेगी. सरकार लागत मूल्य पर सभी को आवास देगी. वहीं, किराये पर भी आवास देने की सुविधा होगी. लागत मूल्य अभी 1200 रुपये प्रति वर्ग फीट निर्धारित की गयी है. इसमें समय-समय पर परिवर्तन संभव है.
नीतियों के जारी करने के मौके पर नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने कहा कि विभाग जनता की हर समस्या के निदान के लिए तत्पर है. पहली बार जनता की शिकायत के लिए वेबसाइट भी तैयार की गयी है. अॉनलाइन नक्शा से पारदर्शिता आयेगी. उन्होंने कहा कि वह मंत्री होते हुए भी जनता की समस्या को झेलते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार सबको अावास देने के लिए प्रतिबद्ध है.
योजना के तहत सरकार दो तरह के आवास बनायेगी. पहला इडब्ल्यूएस, यह उनके के लिए होगा, जिनकी सालाना आय तीन लाख रुपये तक है. दूसरा एलआइजी, यह उनके लिए होगा, जिनकी आय सालाना छह लाख रुपये तक है. आवास बनाने के लिए सरकार लैंड बैंक भी बनायेगी, जहां प्राइवेट सेक्टर के साथ मिल कर आवास का निर्माण किया जायेगा. इसके अलावा स्लम बस्तियों को दुरुस्त कर वहां रहनेवाले लोगों को आवास दिया जायेगा. सरकार को-अॉपरेटिव व रेंटल पद्धति से भी आवास देगी.
सरकार झारखंड हाउसिंग मिशन का गठन भी करेगी, जो नीतियों को लागू करने के लिए दिशा-निर्देश जारी करेगा. इसके लिए एक हाइलेवल कमेटी बनायी गयी है. इसके अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे. इसके उपाध्यक्ष नगर विकास मंत्री, भू-राजस्व मंत्री होंगे. साथ ही मुख्य सचिव, विकास आयुक्त, वित्त सचिव, भू-राजस्व सचिव व नगर विकास सचिव सदस्य होंगे. आवास की मंजूरी देने व मॉनीटरिंग के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्ष में कमेटी गठित की जायेगी.