झारखंड: सुन्नी वक्फ बोर्ड के कर्मचारियों के वेतन में कटौती, कार्यालय में हंगामा

रांची: झारखंड सुन्नी वक्फ बोर्ड कार्यालय में अस्थायी काम कर रहे कर्मचारियों के वेतन में संभावित कमी की खबर से परेशान हैं। यह कर्मचारी पहले ही पिछले दस महीने से वेतन से वंचित हैं। वेतन में कटौती की खबर से उनकी परेशानियों में और इजाफा हो गया है। उधर सामाजिक कार्यकर्ताओं और बुद्धिजिवियों का कहना है कि बोर्ड को गतिशील बनाने के प्रति सरकार कभी गंभीर नहीं रही है, जिस से एक वक्फ़ बोर्ड संपदा को बेहतर सुरक्षा की संभावना उज्ज्वल नहीं हो सका है।

Facebook पे हमारे पेज को लाइक करने के लिए क्लिक करिये

न्यूज़ नेटवर्क समूह प्रदेश 18 के अनुसार झारखंड सुन्नी वक्फ बोर्ड कार्यालय में कामकाज महज तीन कर्मचारियों के जिम्मे है। अस्थायी बहाल यह कर्मचारी जून 2009 से अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं। एक छोटे और बदहाल कमरे में काम करने पर मजबूर कर्मचारी पिछले दस महीने से वेतन से वंचित हैं। वहीं संबंधित विभाग द्वारा वेतन में कटौती की खबर से उनकी परेशानियां और बढ़ गई हैं।

गौरतलब है कि वक्फ बोर्ड में पिछले दो सालों से कोई अध्यक्ष नहीं है। बोर्ड की गैर स्थिरता के कारण बोर्ड के सभी कामकाज सीईओ और अस्थायी कर्मचारियों के भरोसे अंजाम दिए जा रहे हैं। हालांकि सीईओ निसार अहमद का कहना है कि उनके कर्मचारियों के वेतन में कटौती का मामला फिलहाल विचाराधीन है।