झारखंड से आजमीने हज का पहला जत्था मक्का के लिए रवाना

रांची : आँखों में खुशी के आँसू लिए 266 आजमीने हज जुमा को बिरसा मुंडा एयरपोर्ट से जेद्दा के लिए रवाना हुये। इससे पहले हज टर्मिनल के बाहर अपनों से मिलने व मिलवाने का दौर चला। कोई अपने वालिद से लिपट कर रो रहा था, तो कोई अपनी अम्मी और कोई अपने रिशतेदारों से। सभी एक दूसरे को हिम्मत दे रहे थे। सभी ने हाजियों से अपनी खुशहाली के लिए दुआ करने की दरख्वास्त की।

इससे पहले एयरपोर्ट पर वक़्त से नैश एयरवेज का तैयारा हाजी को लेने के लिए पहुँच गया। हालांकि आजमीने हज के ताखीर से आने क वजह से जहाज 20 मिनट देर से जेद्दा के लिए उड़ान भरा। इससे पहले हज टर्मिनल में रवानगी से पहले कारी जन मोहम्मद रिजवी न आज़मीन हज के लिए आखरी दुआ कराई। इसमें मौलाना कुतूबुद्दीन रिजवी, करी अयुब, मौलाना मुजीबुर्रहमान समेत दीगर शामिल हुए।

आजमीने हज को रवाना के लिए वजीरे आला राहुवर दास, एमपी रामटहल चौधरी, डॉ लुईस मरंडी, साबिक़ एमपी सुबोध कान्त सहाय, एमएलए इरफान अंसारी, हज कमेटी के सदर मंजूर अंसारी, साबिक़ वज़ीर हाजी हुसैन अंसारी, हज कमेटी के तर्जुमान खुर्शीद रूमी समेत दीगर लोग आए थे।

कई प्राइवेट गाड़ियों को दुलहन की तरह सजाया गया था। इसी सजी हुई गाड़ियों में आज़मीन हज एयरपोर्ट पहुँच रहे थे। इन गाड़ियों को गुलाब, रिबन सेमेट दीगर चीजों से सजाया गया था।

आजमीने हज को विदा करने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी थी। सभी हज के दौरान उनसे दुआ करने की दरख्वास्त कर रहे थे। भीड़ ज़्यादा होने की वजह से टर्मिनल के मेन दरवाजे के अंदर दाखिल होने में आजमीने हज को दिक़्क़त हो रही थी।

मिस्टर दास ने आजमीने हज से दरख्वास्त किया की वे हज के दौरान रियासत व बल्कि मुल्क की तरक़्क़ी के लिए दुआ करें। जब लौटें तो नयी ताक़त से साथ रियासत की तरक़्क़ी में लग जाएँ। तरक़्क़ी के लिए तालीम का अहम किरदार है। इसलिए तालीम को तरजीह दें। मिस्टर दास ने अक़लियत तबके से दरख्वास्त की के वे वजीरे आजम मोदी की तरफ से शुरू की गयी मनी बैंक मंसूबा का पूरा फाइदा लें। 25 सितंबर से 2 अक्तूबर के दरमियान दुमका से वजीरे आजम इसकी शुरुवात करेंगे। कारोबारियों को कम इन्टरेस्ट पर 50 हज़ार से 10 लाख रुपए तक का कारोबार लोन दस्तयाब कराया जाएगा।

सनीचर को दूसरा जहाज उड़ेगा। 266 लोगों में 187 मर्द व 79 खातून शामिल हैं। रांची के 55, बोकारो से 37, देवघर से 14, धनबाद से 49, गढ़वा से 56, सिंहभूम से 37 गिरिडीह से 09 पलामू से 4.