रांची : कांग्रेस ने रियासती हुकूमत की तरफ से एलान स्थानीय नीति को नकार दिया है़ कांग्रेस ने स्थानीय नीति को रियासत गठन की मूल भावना के विपरीत बताते हुए इसमें आदिवासी और सदानों के हित की उपेक्षा करने का इल्जाम लगाया है़ बुध को कांग्रेस लिडरों का वफद गवर्नर द्रौपदी मुरमू से मिला और अपनी एतराज दर्ज करायी़ गवर्नर के सामने आठ नुकाती मांग के जरिए से सुझाव भी दिये.
पार्टी ने स्थानीयता को जिला और ब्लॉक सतर पर लागु करने की मांग की है़. साथ ही अंतिम सर्वे सेटलमेंट के रिकॉर्ड राइटर को ही सरकारी नौकरियों में नियोजन के लिए स्थानीयता का आधार माने जाने की मांग रखी है़. कांग्रेस ने खतियान की बुनियाद पर ही नियोजन तय करने को कहा है़. कांग्रेस ने इस मुद्दे पर राज्यपाल से दरख्वास्त किया है कि वे खुसुसी सेशन बुलाने की हिदायत दे़ं.
एसेंबली में पक्ष-विपक्ष इस मुद्दे पर अपने सुझाव दे़. पार्टी ने स्थानीय नीति लागू नहीं होने तक राज्य में नियुक्तियों को रोकने की भी मांग की है़. पार्टी ने कहा है कि गैर अनुसूचित क्षेत्रों में रह रहे आदिवासी और मूलवासी के हितों के मामले में इस स्थानीय नीति में कोई प्रावधान नहीं है.
पार्टी ने आदिवासी-मूलवासी के लिए रियासत के खनिज संपदा, वन संपदा और दूसरे निजाम में भी अवसरों की तर्जीर तय करने की मांग की है़ इधर रियासती सदर सुखदेव भगत की कियादत में पार्टी नेता सुबोध कांत सहाय,फुरकान अंसारी, केएन त्रिपाठी, गीताश्री उरांव, आभा सिन्हा,आलोक कुमार दूबे, राजेश ठाकुर, सूर्यकांत शुक्ला, लाल किशोरनाथ शाहदेव, राजीव रंजन प्रसाद, शशिभूषण राय, विनय सिन्हा, जगदीश साहू, आलोक साहू और शाहिद हसन राज्यपाल से मिलने पहुंचे थे़.