अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमले के खिलाफ गोलबंद होते सामाजिक संगठन

सियासत हिन्दी/रांची : झारखण्ड में जब से रघुवर सरकार का शासन हुआ है तब से एक ओर, यहां की सामजिक समरसता और एकता को तोड़ने व अल्पसंख्यकों पर हमले की लगातार सुनियोजित कोशिशें हो रहीं हैं। जिसे बालूमाथ से लेकर हाल ही में जामताड़ा के मिन्हाज़ ह्त्या में स्पष्ट देखा जा सकता है तो दूसरी ओर गोला-बड़कागांव और साइको (खूंटी) में किसानों, आदिवासियों पर गोलियां चलाकर लोगों के इंसाफ़ के लोकतांत्रिक अधिकारों को कुचला जा रहा हैं. राजनीतिक पार्टियां इसे राज्य की जनता की बजाये फ़क़त अपनी पार्टी हित का एजेंडा मात्र बना रहीं हैं.

समाज के हाशिये और शोषित-वंचित समुदाय के लोगों को इंसाफ़ के लिए ‘अवामी इंसाफ़ मंच’ द्वारा राज्य में किसानों, दलित आदिवासियों पर हो रहे गोली कांडों व अत्याचारों तथा बालूमाथ से लेकर जामताड़ा के मिन्हाज़ हत्याकांड के दोषियों को सज़ा दिलाने के सवाल को लेकर आगामी 27 नवम्बर को रांची में “इंसाफ़ कन्वेंशन “का आयोजन किया जायेगा. 27 नवम्बर को रांची में होनेवाले”इंसाफ़ कन्वेंशन”में राज्य के अलावे देश के कई सामाजिक व्यक्तित्व भी शामिल होंगे. इसकी जानकारी रांची में आयोजित प्रेस वार्ता के माध्यम से दी गयी. 

जिसमें अवामी इंसाफ़ मंच के नदीम खान, जावेद इस्लाम, मुफ़्ती अब्दुला अज़हर (इस्लामिक स्कालर), डा. इंतज़ार अली, मो. सरफ़राज़ आलम, मास्टर अली इमाम व एआईपीएफ के अनिल अंशुमन इत्यादि ने संबोधित किया। वकताओं ने कहा कि अवाम को उसका इंसाफ़ नहीं मिल पा रहा है. सामाजिक कार्यकर्ता नदीम खान के मुताबिक तमाम कांडों के दोषियों को सज़ा दिलाने के लिए कानूनी व आंदोलनात्मक अभियान चलाया जाएगा।