कोलकता की 12 साला प्रियंका प्रसाद जिस ने अपनी आँखें यहां की झुग्गी झोंपड़ियों में खोली लेकिन ख़ाब था बास्केटबॉल खिलाड़ी बनने का।
मुतअद्दिद अमेरिकी खिलाड़ियों जैसे माईकल जोर्डन और दीगर को उसे टी वी पर देखने का मौक़ा नहीं मिला क्योंकि उसके घर में टी वी सीट ही नहीं था। लेकिन जो ख़ाब उसने सजाये थे उस को पुरा करना हर हाल में चाहती थी। प्रियंका अपनी दादी और अपने भाई के साथ रहती है।
सुबह जल्दी उठ कर वो कोचिंग क्लास में शिरकत करती है उसके बाद घर आकर बर्तन मांझना और खाना पकाना उसका रोज़ का मामूल है लेकिन इसके बावजूद वो चुटीला सैंटर्ल पार्क में बास्केटबॉल की प्रैक्टिस के लिए जाना कभी नहीं भूलती।
जब जब वो अपनी स्पोर्टस कट के साथ प्रैक्टिस के लिए नकती है तो आस पास के लोग उसका मज़ाक़ भी उड़ाते हैं लेकिन इसके बावजूद वो अपने लापासर और करीमा मैडम का शुक्रिया अदा करने कभी नहीं थकती जिन की अनथक प्रैक्टिस करते करते एक मज़बूत जिस्म की ख़ातून में तबदील होगई है और बिलआख़िर उसे डिस्ट्रिक्ट बास्केटबॉल टीम में शामिल किया गया।