मोहनपुर पुनाईचक रेलवे लाइन के किनारे बनी झोंपड़ी में पेट्रोल डाल कर गैर समाजी अनासिर ने आग लगा दी। वाकिया में अंदर सो रही फुलमतिया देवी व रेखा देवी बाल-बाल बच गयीं। हालांकि, 21 बकरियां आग की चपेट में आ गयीं। बताया जाता है कि आग की लपट ख़वातीन तक पहुंचने से पहले ही उनकी नींद खुल गई।
झोंपड़ी के पीछे बांस के घेरे को तोड़ कर उन्होंने जान बचायी। हालांकि वाकिया में दोनों अंदरूनी तौर से जल गयीं। फुलमतिया देवी ने इस मामले में मुक़ामी झोपड़पट्टी में रहने वाले दशई और लोहा पर इल्ज़ाम लगाया है। इनके मुताबिक कुछ दिनों इन्होंने तमाम बकरियों और उन्हें जान से मारने की धमकी दी थी। इत्तिला पाकर मौके पर पहुंची शास्त्री नगर पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। शास्त्री नगर थाना इंचार्ज विधा भूषण ने बताया कि दशई और लोहा के खिलाफ सनाह दर्ज कर गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। राजू और मिथिलेश की इस वाकिया में मौलूसीयत की जांच की जा रही है।
बकरी पाल कर करती थी जींगई का गुजारा :
फुलमतिया देवी अपना जिंदगी बकरी पालन करने और फिर बाजार में बेचने से मिलने वाले पैसे से करती थी। हाल में ही एक बकरी ने पांच बच्चों को जन्म दिया था। वे बच्चे भी आग की भेंट चढ़ गये। तीन-चार बकरियां आग से बच निकलीं, लेकिन उनके जिश्म भी झुलस चुके हैं।
आगजनी की पूरी खदशा :
जिस झोपड़ी में आग लगी है, उसमें न तो बिजली का तार गया है और न ही फुलमतिया देवी ने खाना बनाया था। बिजली के शॉर्ट सर्किट या फिर राख से आग लगने की खदशा कम ही दिखती है।