नई दिल्ली. 1993 मुंबई सीरियल बम ब्लास्ट मामले में मुल्ज़िम और याकूब मेमन के भाई टाइगर मेमन के बारे में अब नया खुलासा हुआ है. टाइगर ने अपने भाई को फांसी दिए जाने से तकरीबन डेढ़ घंटे पहले अपनी मां और खानदान के दूसरे लोगों से बात की थी और हिंदुस्तान से बदला लेने की बात कही.
इक्नॉमिक्स टाइम्स में छपी एक खबर के मुताबिक याकूब मेमन को फांसी दिये जाने के ठीक डेढ घंटे पहले टाइगर ने मुंबई वाके घर पर फोन किया और बदले की बात कही. खबर की मानें तो टाइगर मेमन ने उस दिन फोन सुबह 5.30 बजे किया और उसकी मां से बात करीब 3 मिनट तक हुई जिसमें उसने खानदान को तसल्ली तो नहीं दिया बल्कि बदले की बात की. उसने कहा कि इस फांसी का बदला लिया जाएगा.
खानदान का आंसू बर्बाद नहीं जाएगा. रिपोर्ट के मुताबिक , मास्टरमाइंड टाइगर की आवाज को मुंबई पुलिस ने रिकॉर्ड किया है. मुंबई पुलिस के दावे के मुताबिक, टाइगर मेमन और उसकी मां की 30 जुलाई को तड़के बात हुई थी. बातचीत में टाइगर ने भाई के मौत का बदला लेने की बात मां और खानदान के एक रूकन से की थी.
मुंबई वाके घर अल हुसैनी टाइगर के फोन की जब घंटी बजी तो किसी दूसरे शख्स व्यक्ति ने उठाया. टाइगर ने सलाम वालेकुम के बाद फोन अपनी मां हनीफा को देने की बात कही. बातचीत में उसने बार-बार याकूब के मौत का बदला लेने की बात कहता दिख रहा है. जवाब में मां रोते हुए कहती है-बस हो गया, पहले हुए धमाकों की वजह से मेरा याकूब चला गया अब और मैं अब नहीं देख सकती लेकिन टाइगर ने मां की बात एक न सुनी और बदला लेने की बात दोहराई.
इसके बाद हनीफा ने फोन एक दूसरे रकन को दे दिया, उसे टाइगर ने बताया कि खानदान के आंसू को बेकार नहीं जाने दिया जाएगा.
यह फोन इंटरनेट से किया गया था जिसका आइपी एड्रेस पता नहीं चल पाया है. 3 मिनट तक चली बातचीत में टाइगर ने अपना नाम नहीं लिया लेकिन उसकी बातों से लगता है कि वह टाइगर मेमन ही था. बताया जा रहा है कि याकूब की फांसी वाले दिन यानी 30 जुलाई को याकूब मेमन से मुताल्लिक सभी फोन को ट्रेस किया जा रहा था हालांकि पुलिस ने अभी तक इसकी तस्दीक नहीं की है कि जो फोन आया था वह टाइगर मेमन का था या नहीं.
गौर हो कि मुंबई बम धमाकों के 22 साल बाद पहली बार कोई फांसी हुई है. वहीं, उसका बड़ा भाई टाइगर मेमन अब भी कानून की गिरफ्त से बाहर है.
उधर, मुंबई पुलिस और खुफिया एजेंसियां इस बात से फिक्रमंद है कि टाइगर मेमन का अगला कदम क्या होगा. मुंबई पुलिस के ओहदेदारो ने कहा कि यह कॉल वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल से की गई थी. इस कॉल के एड्रेस को पहचाना नहीं जा सका है.