वाशिंटन: सीरिया में राष्ट्रपति असद और उनकी फ़ौज जहां अपनी जनता के नरसंहार में प्रयासरत है वहीं ऐसे स्वयंसेवकों की भी कोई कमी नहीं है जो अपनी जान पर खेल कर बर्बर बमबारी से प्रभावित बच्चों, महिलाओं और घायलों की जान बचाने के लिए प्रयासरत हैं। इन्हीं मानवीय लोगों के लिए पूरी दुनिया में करुणा की भावना तेजी से बढ़ रहे हैं। यहाँ तक कि पश्चिमी मीडिया के ओर से भी सफेद हेलमेट वाले कार्यकर्ताओं को नोबेल पुरस्कार का हक़दार घोषित करने की मांग किए जाने लगे हैं। ऐसे में टाइमस मैगज़ीन ने क़ुरआनी आयत “وَمَنْ أَحْيَاهَا فَكَأَنَّمَا أَحْيَا النَّاسَ جَمِيعاً”(जिसने एक जिंदगी बचाई जैसे उसने पूरी मानवता को बचा लिया) का हवाला दे कर यह साबित किया है कि इस्लाम में ऐसे बर्बरता और नरसंहार की कोई जगह नहीं है और इस्लाम शांति का प्रतीक है.
बर्बाद हुए सीरिया में जान बचाने में व्यस्त स्वयंसेवकों और कार्यकर्ताओं को अमेरिकी ‘टाइम्स’ पत्रिका ने शानदार श्रद्धांजलि दी है। अमेरिकी पत्रिका ने अपनी रिपोर्ट में सीरिया की बर्बादी के ढेरों में जीवन खोजने वाले कार्यकर्ताओं की सेवाओं पर प्रकाश डाला है और उनको दुनिया का महान हस्ती करार दिया है। रिपोर्ट में लिखा है कि सीरिया और रूस के लड़ाकू विमान मौत बांटे हैं जबकि सफेद हेलमेट पहने स्वयंसेवक अपनी जान खतरे में डालकर जान बचाने की कोशिश करते हैं।
पत्रिका ने सीरिया में तबाही व बर्बादी के चित्रण के लिए लंबी रिपोर्ट प्रकाशित की है। रिपोर्ट में दिल दहला देने वाली घटनाओं और बचाव दल के मुश्किलों का भी पूरी तरह बयान किया गया है। इमरान नामक उस सीरियाई बच्चे का भी उल्लेख शामिल है जिसकी खून में लथपथ तस्वीर ने कुछ हफ्ते पहले पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया था। यहाँ तक कि इस रिपोर्ट में राहत कार्यकर्ताओं की संख्या का भी अनुमान लगाया गया है और उन सेवाओं को बधाई देते हुए उन लोगों को सहायता का दूत करार दिया है।