टाई लगाना गैर-इस्लामिक: दरगाह आला हजरत:

2Q==(14)

बरेली।दरगाह आला हजरत मदरसा आमतौर पर प्रगतिवादी सोच के लिए जाना जाता है। इस बार हालांकि उनका फतवा कुछ और ही कहानी बयान करता है। मदरसे ने टाई के खिलाफ एक फतवा जारी करते हुए, इसे गैर-इस्लामिक बताया है। फतवे में कहा गया है कि टाई की आकृति ईसाई धर्म से जुड़े क्रॉस प्रतीक जैसी है।

जब टाई को गले में पहनकर गांठ बनाई जाती है, तो इसकी आकृति क्रॉस जैसी हो जाती है। फतवे में मुस्लिमों को टाई ना बांधने की हिदायत देते हुए कहा गया है ‘गैर मुस्लिमों के प्रतीकों को ना अपनाएं।’

मौलाना मुहम्मद शहाबुद्दीन रिजवी द्वारा टाई बांधने से जुड़ा एक सवाल किया गया था। इसके जवाब में मुफ्ती आजम हिंद अलामा अख्तर रजा खान अजहरी ने टाई बांधने को गैर-इस्लामिक बताया।

फतवे में कहा गया है, ‘ईसाई मान्यता के मुताबिक, क्रॉस उस रचना का प्रतीक है जिसपर ईसा को सूली चढ़ाया गया था। यह आकृति दुर्भाग्य से बचाने वाला समझा जाता है। ईसाई इस क्रॉस के प्रतीक को बरकत और समृद्धि का वाहन भी मानते हैं।’