टाटा की सफलता के लिए मिस्त्री को हटाना जरूरी था- रतन टाटा

मुंबई। टाटा समूह के चेयरमैन पद से हटाए गए साइरस मिस्त्री और कंपनी के मौजूदा नेतृत्व के बीच वाक युद्ध आज और तेज हो गया है जिसमें अंतरिम चेयरमैन रतन टाटा ने आज कहा कि समूह की सफलता के लिए मिस्त्री को हटाना बहुत ही जरूरी हो गया था।

इससे पहले आज ही मिस्त्री के कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया था कि यह आक्षेप गलत और शरारत भरा है कि उन्होंने टाटा-डोकोमो मामले में जो कार्रवाई की वह अपनी मर्जी से की और रतन टाटा को उसकी जानकारी नहीं थी। टाटा समूह ने डोकोमो मामले को न्यायालय के विचाराधीन बताते हुए इस पर कोई टिप्पणी करने से इंकार किया और कहा कि अब आक्षेपों की कल्पना की जा रही है।

रतन टाटा ने 100 अरब डॉलर से अधिक का कारोबार करने वाले अपने समूह के कर्मचारियों को लिखे एक संदेश में कहा है, ”टाटा संस के नेतृत्व में परिवर्तन का फैसला सुविचारित था और इसे निदेशक मंडल के सदस्यों ने पूरी गंभीरता से लिया था। यह कठिन फैसला सावधानीपूर्वक और सोच-विचार के साथ चर्चा के बाद लिया गया और निदेशक मंडल मानता है कि टाटा समूह की भविष्य की सफलता के लिए यह निर्णय नितांत आवश्यक था।”

रतन टाटा ने मिस्त्री के बयान के ठीक बाद जारी इस पत्र में फिर से समूह की बागडोर संभालने के अपने निर्णय को उचित बताया और कहा कि उन्होंने यह स्थिरता को बनाए रखने और नेतृत्व की निरंतरता के लिए फिर से अंतरिम चेयरमैन का पद संभाला है। उन्होंने कर्मचारियों से वादा किया है कि वह समूह को एक विश्वस्तरीय नेतृत्वकर्ता प्रदान करेंगे।