मुंबई।टाटा ग्रुप के चेयरमैन पद से हटाए गए सायरस मिस्त्री ने बोर्ड के सदस्यों को ईमेल किया है, जिसमें उन्होंने खुद को चेयरमैन पद हटाये जाने की कड़ी आलोचना की। सायरस मिस्ट्री ने इसे कॉर्पोरेट इतिहास में यह ऐसा कदम है जिसपर कोई यकीन नहीं करेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि नमक से लेकर सॉफ्टवेयर ग्रुप तक उन्हें कभी आजादी के साथ काम ही नहीं करने दिया। उन्हें काम करने से रोकने के लिए लिए टाटा संस के नियमों में परिवर्तन करके चेयरमैन की ताकतों को कम कर दिया था।
सायरस ने ईमेल में लिखा है कि जिस तरह से उन्हें टाटा से बाहर किया गया है उन्हें झटका लगा है जिसके लिए उनके पास कोई शब्द नहीं है। इतना ही नहीं उन्होंने बोर्ड की कार्रवाई को अवैध और गैरकानूनी करार दिया है।
इस ईमेल में सायरस ने कहा, बिना किसी स्पष्टीकरण के चेयरमैन को हटा दिया जाता है और इतना ही नहीं उसे अपनी सफाई में बोलने का मौका भी नहीं दिया जाता है। कॉर्पोरेट इतिहास में यह मामला अनोखा है।
पूर्व चेयरमैन ने कहा कि अचानक की गई कार्रवाई और स्पष्टीकरण की कमी ने कई तरह की अटलकों को पैदा कर दिया है। इससे मेरी और समूह की प्रतिष्ठा को बहुत बड़ा नुकसान हुआ है।
आपको बता दें कि रतन टाटा ने मिस्त्री की जगह ली है, यानी वह केवल चार महीनों के लिए ग्रुप के अंतरिम चेयरमैन बने हैं। इस बीच समिति ने नया चैयरमैन का चुनाव करना है और इस समिति में खुद रतन टाटा भी हैं।