जमशेदपुर: टाटा स्टील में प्रोडक्टिविटी को लेकर किये जा रहे कोशिशों के दरमियान मुलाज़िमीन के साथ-साथ अब अफसरों की तादाद भी कम की जायेगी। लागत खर्च में कटौती करने के मकसद से यह कदम उठाया जा रहा है।
पहली बार टाटा स्टील अपने भारतीय ऑपरेशंस (जमशेदपुर, कलिंगानगर, गोपालपुर, कोलकाता समेत दीगर प्लांट व दफ्तर ) में अफसरों की तादाद कम करने जा रही है। इसके तहत करीब एक हजार अफसरों को हटाने की मंसूबा है। इस फैसले का असर नये माली साल में दिखने लगेगा। बताया जाता है कि करीब 15 साल बाद दुनिया की नंबर वन कंसल्टेंसी कंपनी ‘मैकेंजी’ को इस काम में लगाया गया है।
हाल के दिनों में कंपनी ने इंटरनल तौर पर ऑफिसरों की काबलियत और उनके परफाॅर्मेंस की जांच करायी थी, जिसमें कई अफसरों की प्रोडक्टिविटी काफी कम पायी गयी थी। मैकेंजी की रिपोर्ट आने के बाद सारे अफसरों का आकलन किया जायेगा। कुल 6500 अफसरों के परफॉर्मेंस की जांच की जायेगी। रिपोर्ट के तजवीज के बाद कम अंक हासिल करने वाले अफसरों को हटाने की अमल शुरू की जायेगी। कंपनी की तरफ से बहाल मैकेंजी कंसल्टेंसी ने अपना कार्यभार संभाल लिया है और एक अप्रैल तक अपनी रिपोर्ट जमा कर देगी। हालांकि, इसके बारे में अधिकारिक तौर पर कंपनी की तरफ से कोई जानकारी नहीं दी जा रही है।