लोकसभा इंतिख़ाब लड़ने की हसद पूरी नहीं होने से विधान परिषद में राजद के लीडर प्रो. गुलाम गौस के तेवर बागी हो गए हैं। उन्होंने साफ कर दिया है पार्टी टिकट दे तो बेहतर वरना वह हर हाल में लोकसभा इंतिख़ाब लड़ेंगे। इंतिख़ाब लड़ने के लिए बेतिया लोकसभा इलाका उनकी पहली तवज्जो होगी। बताया जा रहा है कि मिस्टर गौस को जदयू ने किसी लोकसभा इलाक़े से उम्मीदवार बनाने का ऑफर दिया है। हालांकि उन्होंने इससे इनकार करते हुए कहा कि लड़ेंगे तो राजद से नहीं तो आज़ाद ।
मिस्टर गौस ने जुमेरात को अपने रिहाइशगाह पर प्रेस कॉन्फ्रेंस मुनक्कीद कर कहा कि राजद कीसी सख्स की पार्टी नहीं है। इस बागीचे को सींचने के लिए उन्होंने खुद और कई दूसरे साथियों ने अपना पसीना बहाया है। बुरे दिनों में हम पार्टी के साथ रहे और जब कुछ अच्छे दिन आने लगे तो दूसरे लोगों को तरजीह दी जा रही है। उन्होंने इल्ज़ाम लगाया कि धनबलियों के साथ कुछ दलबदलुओं को भी एजाज़ किया जा रहा है ओर वफादार लोगों की नज़र अंदाज़ हो रही है।
यह हालत उनकी अकेले नहीं है। बल्कि पार्टी के कई दूसरे बड़े लीडर भी इसी राह पर हैं। उन्होंने कहा कि कानून साज कोंसिल में चेयरमैन या तालीम वज़ीर बनने की तजवीज जदयू की जानिब से उन्हें मिला था। लेकिन पार्टी छोड़ने पर उन्होंने कभी गौर ही नहीं किया।