हैदराबाद 18 अप्रैल: टीआरएस के एमपी बी सुमन ने भाजपा के इन आरोपों को खारिज कर दिया कि मुसलमानों और दर्ज फ़हरिस्त क़बाइल के आरक्षण बढ़ाने के पीछे वोट बैंक की राजनीति की है।
मीडिया के प्रतिनिधियों से बातचीत करते हुए सुमन ने कहा कि टीआरएस ने कभी वोट बैंक की राजनीति नहीं बल्कि पिछले 16 सालों से उन तबक़ात से जो वादा किया गया था उनकी तकमील है।
उन्होंने भाजपा को आरक्षण का विरोध तर्क करने का मश्वरा देते हुए कहा कि तेलंगाना में 90 प्रतिशत आबादी एससी, एसटी, बीबीसी और अल्पसंख्यक पर मुश्तमिल है। इसलिए आरक्षण विरोध दरअसल 90 प्रतिशत कमजोर तबक़ात का विरोध करना है। उन्होंने कहा कि अगर भाजपा अपने व्यवहार में बदलाव नहीं लाएगी तो कमजोर तबक़ा उसे मुनासिब सबक़ सिखाएंगे।
उन्होंने बताया कि 2014 के चुनाव से पहले के सी आर ने 105 चुनावी सभाओं में मुसलमानों और अनुसूचित जनजाति को आरक्षण का वादा किया था। उन्होंने कहा कि सभी कानूनी और संवैधानिक का जायज़ा लेने के बाद सरकार ने विधानसभा और कौंसिल में क़ानूनसाज़ी की है और केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है कि वे आरक्षण बिल को मंजूरी दे।