टीआरएस में दरारे, वरिष्ठ नेताओं में ठंडी जंग‌, राष्ट्रपति की पकड़ कमजोर है

हैदराबाद: तेलंगाना के टीआरएस पार्टी में आंतरिक मतभेद सामान्य हो रहे हैं और पार्टी, समूह और आंतरिक आपदा शुरू हो गई है? पूर्व में जिला वरंगल, कल तक करीमनगर और निज़ामाबाद के बाद अब जिले मेदक में पार्टी में फूट के आसार दिखाई दे रहे हैं। पार्टी के नेताओं ने सार्वजनिक और सार्वजनिक कार्यक्रमों में एक दूसरे को अनदेखा करने के विरोध में अपनी आंखें खोली हैं।

वैसे टीआरएस नेतृत्व पर हमेशा यह आरोप रहा है कि पार्टी ने हर मोड़ पर वास्तविक कैडर को अनदेखा किया और बलिदान देने वालों को ही बलि का बकरा बना दिया गया। दूसरी मत इन मतभेदों और राज्य के हितों के बीच गठित की गई है। पर्यवेक्षकों और राजनीतिक विचारकों के अनुसार आंतरिक अराजकता का शिकार टीआरएस पार्टी अध्यक्ष की पकड़ कमजोर हो चुकी है और कमजोर पकड़ और कैडर में नाराजगी को ‘भाई बहन नीति’ का परिणाम घोषित कर दिया जा रहा है।