हरियाणा के यमुनानगर में एक टीचर ने अपने साथी के साथ मिलकर नौवीं क्लास की नाबालिग तालिबा को अपनी हवस का शिकार बना डाला। बच्ची इस गुनाह के नतीजे से अनजान थी और जब तक उसे पता चला तब तक काफी देर हो चुकी थी। इस तालिबा ने यमुनानगर के ट्रॉमा सेंटर में एक बेटे को जन्म दिया है।
पुलिस ने मुल्ज़िमो के खिलाफ मामला दर्ज करने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। नोमुलूद के वालिद का पता लगाने डीएनए टेस्ट करवाया गया है।
गौरतलब है कि यमुनानगर के सढौरा कस्बे के एक प्राइवेट स्कूल की नौवीं क्लास की एक नाबालिग तालिबा को पढ़ाने वाले टीचर जसविंद्र सिंह ने अपने जाल में फंसा लिया। लड़की के वालिद फौज में हैं। घर में लड़की अपनी वालिदा के साथ अकेली रहती थी। वह इस बात से अंजान थी कि जो कुछ उसके साथ हो रहा है उसका अंज़ाम बुरा होगा। टीचर ने इस तालिबा को न सिर्फ अपनी हवस का शिकार बनाया बल्कि उसे अपने दोस्त को भी सौंप दिया।
जांच आफीसर रोशन लाल के मुताबिक, घर वालो ने फौरन यह इत्तेला पुलिस को दी। इस मामले में मुतास्सिरा ने कोर्ट की मदद भी ली। कोर्ट ने इस मामले में डॉक्टरों की राय लेने की बात कही। डॉक्टरों ने इस मामले में एहतियात बरतते हुए गुपचुप ढंग से मासूम तालिबा की डिलिवरी कर डाली। एक लड़के को जन्म देने के बाद पुलिस एक बार फिर से हरकत में आ गई।
पुलिस ने मौके पर ही बच्चे का डीएनए टेस्ट करवा दिया। जिला बाल कल्याण अधिकारी मनीषा खन्ना ने कहा कि मुल्ज़िमों के खिलाफ सुबूत जुटाए जा रहे हैं।
बशुक्रिया: नव भारत टाइम्स