शम्स तबरेज़, सियासत ब्यूरो।
लखनऊ: समाजवादी पार्टी में टीपू से टीपू सुल्तान बने अखिलेश यादव ने इस बार अपने पिता मुलायम सिंह यादव के दो समधियों को टिकट नहीं दिया। समाजवादी पार्टी की जारी तीसरी सूची में मुलायम के समधी रामवीर सिंह यादव और रामप्रकाश यादव का नाम नहीं था। जबसे अखिलेश भैया ने पार्टी में बगावती तेवर अपनाया तब से बस वो एक ही चीज़ पर ज्यादा ज़ोर दे रहे हैं और वो कट कट और कट। जी हां इस कट ने अंबिका चौधरी को साईकिल से उतार दिया और इसी कट ने मुलायम सिंह यादव के दोनो समधियों को भी साईकिल से उतारकर किनारे कर दिया। रामवीर ने साईकिल को टाटा करके अजीत सिंह के हैण्डपम्प का हैंडिल थाम लिया और तो वही दूसरे समधी रामप्रकाश ने निर्दलीय ही चुनाव लड़ने का फैसला किया है। फिरोज़ाबाद के जसराना सीट से चार बार विधायक रह चुके रामवीर को यकीन था उनके समधी मुलायम पांचवी बार भी उनको साईकिल की सवारी करवा देंगे, लेकिन समाजवादी पार्टी की तीसरी सूची में उनका नाम नहीं होने से फौरन साईकिल को नकारने का फैसला लिया और अब हैण्डपम्प का पानी ज्यादा मीठा लगने लगा है। अब रामवीर को लगता है कि राम गोपाल उनकी हत्या भी करवा सकते है ऐसा उनका आरोप है। रामवीर के राष्ट्रीय लोक दल की टिकट से चुनाव लड़ने पर यादव वोटों का बटवारा तय है जिससे समाजवादी पार्टी को काफी नुकसान होने का अंदेशा जताया जा रहा है। उधर दूसरे समधी रामप्रकाश शिकोहाबाद में नगर पलिका के अध्यक्ष हैं। शिकोहाबाद से टिकट की उम्मीद में बैठे रामप्रकाश को अखिलेश ने साईकल पर लिफ्ट नहीं दिया और उनका को बेटिकट कर दिया और रामप्रकाश निदर्लीय चुनाव लड़ेंगे।
जो भी हो मोटरसाईल के ज़माने में साईकिल ने बहुतों को रूलाया। वाह रे टीपू तुमने कितने को टीप दिया।