अब जबकि हुकूमत ने उन के मुतालिबात को मुस्तर्द (रद्द) कर दिया है। टीम अन्ना ने कहा कि 25 जुलाई से उन की ग़ैर मुअय्यना भूक हड़ताल अपने मंसूबा के मुताबिक़ होगी और हुकूमत पर इल्ज़ाम आइद किया कि हुकूमत सिर्फ लफ़्फ़ाज़ी कर रही है और बदउनवानीयों ( भ्रष्टाचार) से मुताल्लिक़ सवालात के जवाबात देने के मौक़िफ़ में नहीं है।
टीम अन्ना रुकन (सदस्य) मनीष ससोडया ने कहा कि हुकूमत ये कह कर अवाम को बेवक़ूफ़ बना रही है कि बदउनवानीयों ( भ्रष्टाचार) से निमटने मोअस्सर क़वानीन ( कानून) बनाए जाएंगे जो महिज़ खोखले वादों के सिवा कुछ नहीं। पी टी आई से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे एहतिजाज का आग़ाज़ (शुरूआत) 25 जुलाई से शुरू होगा।
हुकूमत के खोखले वादों पर भरोसा नहीं किया जा सकता। महिज़ ( सिर्फ) वादों के ज़रीया अवाम ( जनता) को बेवक़ूफ़ बनाने का सिलसिला आख़िर कब तक चलेगा। मिस्टर ससोडया ने अपनी बात जारी रखते हुए कहा कि वज़ीर-ए-आज़म के ख़िलाफ़ बदउनवानीयों के इल्ज़ाम पर भी अरकान ने कई सवालात उठाए हैं जिन में वज़ीर-ए-आज़म के इलावा उन के 14 काबीनी रफ़क़ा भी मुबय्यना तौर पर मुलव्वस हैं।
दूसरी तरफ़ PMO ने जो मकतूब ( पत्र) अन्ना हज़ारे को तहरीर किया है इस से इस बात का कोई सुबूत नहीं मिलता कि हमारे इल्ज़ामात झूटे हैं। यहां इस बात का तज़किरा भी ज़रूरी है कि रिमार्कस दरअसल वज़ीर-ए-आज़म के दफ़्तर (PMO) से अन्ना हज़ारे के नाम तहरीर किए गए एक मकतूब के बाद मंज़र-ए-आम पर आए जहां टीम अन्ना के इस मुतालिबा को मुस्तर्द कर दिया गया जहां वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह और उनकी काबीनी रफ़क़ा तहक़ीक़ात के लिए स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम (SIT) और बदउनवानीयों ( भ्रष्टाचार) में मुलव्वस एम पीज पर मुक़द्दमात फ़ास्ट ट्रैक कोर्टस के ज़रीया चलाए जाएं।