तेलंगाना तहरीक(प्रेरित) के सी आर की जद्द-ओ-जहद का नतीजा : पार्टी क़ाइदीन का बयान
तेलंगाना राष़्ट्रा समीती के क़ाइदीन(लिडर) ने बाअज़ अवामी तंज़ीमों की तरफ से तेलंगाना मार्च के मौके पर सदर टी आर एस के चन्द्र शेखर राव के ख़िलाफ़ किए गए रिमार्कस पर शदीद रद्द-एअमल(कड़ी प्रतिक्रिया) का इज़हार किया । पार्टी के जनरल सैक्रेटरीज़ सूफ़ी सुलतान खादरी और इनायत अली बाक़िरी ने अपने ब्यान में कहा कि बाअज़ अवामी तंज़ीमें जो तेलंगाना तहरीक में शामिल हैं के सी आर को निशाना बनाते हुए अपनी एहमीयत में इज़ाफे की कोशिश कररही हैं ।
उन्हों ने सदर नशीन जे ए सी कूद नड्डा राम की तरफ से के सी आर पर तन्क़ीदों की मुज़म्मत(निंदा) का ख़ैर मुक़द्दम(स्वागत) किया । उन्हों ने कहा कि तेलंगाना तहरीक(आंदोलन) का आज जो भी मौक़िफ़(विश्वास) है वो चंद्रा शेखर राव की जद्द-ओजहद(संघर्ष का परिणाम) का नतीजा है ।
के सी आर की भूक हड़ताल के सबब(कारण) ही मर्कज़ी हुकूमत(केंद्र सरकार) ने 9 डिसमबर 2009 को अलहदा रियासत की तशकील(गठन)का ऐलान किया था । उन्हों ने कहा कि सदर(राष्ट्रपति) टी आर ऐस नई दिल्ली में क़ियाम
(रहने) करते हुए मर्कज़ से मुज़ाकरात(बातचीत) कररहे हैं ।
इसके अलावा दीगर(दुसरे) जमातों की ताईद(समर्थन) हासिल करने की कोशिश की जा रही है । उन्हों ने तेलंगाना मार्च में भारी तादाद में अक़ल्लीयतों(अल्पसंख्यकों) की शिरकत(भागीदारी) पर अक़ल्लीयतों(अल्पसंख्यकों) से इज़हार-ए-तशक्कुर किया(आभार जताया) । उन्हों ने कहा कि तेलंगाना के 9 अज़ला(ज़िले) के अलावा हैदराबाद से हज़ारों अक़ल्लीयती(अल्पसंख्यकों) अफ़राद(लोगो) ने मार्च में शिरकत(भागीदारी) करके तेलंगाना तहरीक से अपनी वाबस्तगी का इज़हार किया(महत्वपूर्ण भूमिका निभाई) है ।
इस तरह तेलंगाना मार्च की कामयाबी में अक़ल्लीयतों(अल्पसंख्यकों) ने अहम रोल अदा किया । इन क़ाइदीन(लिडारो) ने कहा कि 1969 से आज तक तेलंगाना तहरीक(आंदोलन) में अक़ल्लीयतें(अल्पसंख्यकों) भरपूर तौर पर हिस्सा ले रही हैं और टी आर एस की तरफ से तहरीक(आंदोलन) के अहया के बाद से मुस्लिम अक़ल्लीयत(अल्पसंख्यकों) अटूट तौर पर वाबस्ता(जुड़ा ) है और उन की हिस्सेदारी को फ़रामोश नहीं किया जा सकता(भूल नहीं किया जा सकता) । इन क़ाइदीन(लिडर्स) ने कहा कि पार्टी सदर चंद्रा शेखर राव हमेशा ही तेलंगाना तहरीक(आंदोलन) में अक़ल्लीयतों(अल्पसंख्यकों) के रोल का एतराफ़(स्वीकार)करते रहे हैं और उन्हों ने तेलंगाना तशकील के बाद अक़ल्लीयतों(अल्पसंख्यकों) को हुकूमत में मुनासिब(उचित) हिस्सादारी का वाअदा किया है ।