टी आर एस से मुस्लमान मायूस

कोड़ निगल के सरकर्दा कांग्रेस इकलेती क़ाइदीन मसरज़ क़ुद्दूस बिन अहमद मेम्बर डिस्ट्रिक्ट कांग्रेस कमेटी महबूबनगर एस एम ग़ोसन कन्वीनर मायनारिटी सेल हलक़ा असेंबली कोड़ निगल , इम्तेयाज़ अहमद जनरल सेक्रेटरी बलॉक कांग्रेस कमेटी कोड़ निगल के इलावा ज़फ़र उल्लाह ख़ान-ओ-हबीब अली ख़ान वगैरह ने मिस्टर इम्तेयाज़ अहमद की क़ियामगाह पर मुनाक़िदा प्रेस कान्फ्रेंस में महबूबनगर के ज़िमनी इंतेख़ाबात में टी आर एस उम्मदीवार सैयद इब्राहीम की शिकस्त के लिए सदर टी आर एस के चन्द्र शेखर राव को रास्त ज़िम्मेदार क़रार देते हुए बताया कि टी आर एस और बी जे पी एक ही सिक्का के दो रुख़ हैं ।

फ़िकरो परस्त बी जे पी उम्मीदवार की कामयाबी सदर टी आर एस के चन्द्र शेखर राव की मुस्लिम दुश्मनी का वाज़िह सबूत है । साबिक़ में के सी आर ने एम एल सी के लिए एक मुस्लिम लीडर मुहम्मद महमूद अली को उम्मीदवार बनाया था । उस वक़्त भी टी आर एस के ग्यारह के मिनजुमला सिर्फ सात अराकीन ने उन के हक़ में वोट इस्तेमाल किया ।

जिस से टी आर एस में मौजूद अराकीन की ज़हनियत का पता चलता है । मुस्लमानों ने तेलंगाना तहरीक में जे ए सी की क़ियादत में दोष बदोश हिस्सा लिया बल्कि इस तहरीक में सब से आगे रहे लेकिन जय ए सी ने महबूबनगर में धोका दिया । इसी तरह साबिक़ में निज़ामाबाद के ज़िमनी इंतेख़ाबात में टी आर एस ने बी जे पी की तेइद करते हुए मुस्लमानों को भी तेलंगाना के लिए बी जे पी उम्मीदवार को वोट देने की अपील की थी जिस पर मुस्लमानों ने मुत्तहदा तौर पर मुस्लमानों ने बी जे पी को वोट देकर बी जे पी उम्मीदवार को कामयाब बनाया ।

मगर महबूबनगर में टी आर एस ने मुस्लिम उम्मीदवार को मैदान में उतारकर बली का बकरा बना दिया जो फ़िर्कापरस्ती की बदतरीन मिसाल है । आख़िर में तमाम मज़कूरा कांग्रेस इकलेती क़ाइदीन ने मुस्लमानों पर ज़ोर दिया कि वो आइन्दा मुत्तहदा तौर पर सैक्यूलर ज़हन की अलमबरदार कांग्रेस पार्टी का साथ दें और इब्नुल वक़्त टी आर इस से दूरी इख़तियार करें । मज़ीद कहा गया कि महबूबनगर में चालीस हज़ार से ज़ाइद मुस्लिम वोटर्स मौजूद रहने के बावजूद सय्यद इब्राहीम की शिकस्त लम्हा फ़िक्र है ।