टी आर एस हुकूमत मुस्लिम फ़लाह-ओ-बहबूद के अह्द की पाबंद

साबिक़ा हुकूमतों ने मुसलमानों को सिर्फ़ वोट बैंक समझ रखा था , चुनाव के दौरान दिलों को लुभाने वाले वादे करना, दावते इफ़तार दे कर ख़ुश करदेना, वोट हासिल करने के लिए सेक्युलर होने का दावा करना फ़िर्कापरस्ती और फ़िर्कापरस्त जमात का डर ख़ौफ़ पैदा करके इक़तिदार हासिल कर लेना और फिर पाँच साल तक मुसलमानों के मसाइल से पूरी तरह से ग़फ़लत बरतना, यही उन का चलन था।

रियासती वज़ीर फाइनैंस‍ ओ‍ सिविल स्पलाईज़ अटाला राजिंदर ने इन ख़्यालात का इज़हार किया। उन्होंने सख़्त तन्क़ीद करते हुए इंतेहाई अफ़सोस के साथ कहा कि मुसलमानों की आज इस बदतरीन सूरत-ए-हाल के ज़िम्मेदार साबिक़ा हुकूमतें ही हैं।

वो यहां करीमनगर फंक्शन हाल में हफ़्ते की शब पंचायत राज इदारों में नामज़द करदा कोऑपशन मैंबरस फ़ोरम ज़िला कमेटी के ज़ेरे एहतेमाम मीटिंग में मुख़ातब कररहे थे। मीटिंग की सदारत मुहम्मद जमीलुद्दीन ने की।

इस मीटिंग में अटाला राजिंदर ने मेहमाने ख़ुसूसी की हैसियत से शिरकत की और ख़िताब किया।उन्होंने कहा कि हमारी हुकूमत टी आर एस तेलंगाना रियासत के वज़ीर-ए-आला के सी आर ने चुनाव मंशूर में जितने वादों कीए थे उन पर अमल करने के बारे में यक़ीन दहानी की उन पर अमल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारे ख़िलाफ़ झूटा प्रोपगंडा और अफ़्वाहें फैलाने वालों को अमली तौर पर तमाम वादों को पूरा कर दिखाई देंगेा।