टेनिस बोहरान ( संक़ट )का ख़ातमा , लंदन ओलम्पिक के लिए दो टीमें

गुज़शता चंद दिन से चल रहे टेनिस बोहरान को ख़त्म करते हुए आज आल इंडिया टेनिस एसोसीएसन (ए आई टी ए) ने मुसालहत ( समझौता) की राह इख्तेयार करते हुए लंदन ओलम्पिक के लिए हिंदूस्तान की नुमाइंदगी (प्रतिनिधित्व) केलिए 2 मेन्स डबल्स टीमें रवाना करने का फ़ैसला किया है।

जैसा कि लेंर पेस के साथ कम दर्जा के विष्णु वर्धन को जोड़ीदार बनाया गया है जबकि महेश भूपति के जोड़ीदार रोहन बोपन्ना क़रार पाए। क़ब्लअज़ीं महेश भूपति और रोहन बोपन्ना दोनों ही ने 39 साला लेंडर पेस के साथ जोड़ी बनाने से इनकार कर दिया था।

इलावा अज़ीं ( इसके अतिरिक़्त) ए आई टी ए की जानिब से जबरन महेश भूपति और लेंडर पेस को डबल्स में हिंदूस्तान की

नुमाइंदगी (प्रतिनिध्तव) की हिदायत देने के बाद दोनों ही खिलाड़ियों ने क़तई फ़ैसला के तौर पर लंदन ओलम्पिक के बाईकाट का इशारा दिया था। ए आई टी ए के सदर अनिल खन्ना ने आज यहां मीडीया नुमाइंदों से इज़हार-ए-ख़्याल करते हुए कहाकि बोहरान ( Crisis) के इन हालात में इंतिज़ामीया ने ओलम्पिक के लिए दो टीमें रवाना करने का फ़ैसला किया है।

भूपति और लेंडर पेस की हुब्बुल-वतनी पर किसी किस्म का सवालिया निशान नहीं क्योंकि दोनों ही ने 20 बरस से ज़ाइद तवील अर्सा के दौरान डेविस कप में मुल़्क की ख़िदमत की है। उन्होंने मज़ीद कहा कि ए आई टी ए ये बिलकुल नहीं चाहता कि लेंडर पेस की साख को मुतास्सिर ( प्रभावित) किया जाए।

लेंडर पेस और विष्णु वर्धन का आलमी दर्जा अब 207 है। जबकि महेश भूपति और रोहन बोपन्ना मुल़्क की दूसरी टीम हैं। दरीं असना लेंडर पेस से ख़ाहिश की गई है कि वो इख़तिलाफ़ात को पसेपुश्त डालते हुए नौजवान खिलाड़ियों की रहनुमाई करें जो कि पहली मर्तबा ओलम्पिक में हिंदूस्तान की नुमाइंदगी कर रहे हैं।

इंतिज़ामीया के इस फ़ैसला के बाद इन क़ियास आराईयों का ख़ातमा भी हो गया जिस में कहा जा रहा था कि पेस के साथ नौजवान टेनिस खिलाड़ी सोमदेव के ज़रीया जोड़ी बनाई जाएगी जोकि कंधे के ज़ख्म से मुकम्मल सेहत याब हो चुके हैं। सोमदेव ने ख़ुद को मुकम्मल फिट क़रार दिया था और वो पेस के साथ जोड़ी बनाने की ख़ाहिश भी ज़ाहिर की थी।

मिक्स्ड डबल्स टीम के मुताल्लिक़ फ़िलहाल यही फ़ैसला क़ायम है कि रवां माह फ्रेंच ओपन ख़िताब हासिल करने वाली जोड़ी सानिया । भूपति को ओलम्पिक़्स के मिक्स्ड डबल्स मुक़ाबलों में हिंदूस्तान की नुमाइंदगी का मौक़ा दिया जाये। इस ख़सूस में ए आई टी ए के सदर अनील खन्ना का कहना है कि सानिया के मुआमला में हिंदूस्तानी खिलाड़ी को ओलम्पिक में रास्त दाख़िला के लिए 28 जून तक इंतेज़ार करना है जहां अगर उन्हें रास्त दाख़िला मिलता है तो वो भूपति के साथ जोड़ी बनायेंगे वर्ना दर्जा बंदी के एतबार से पीस के साथ उन की जोड़ी हिंदूस्तान की नुमाइंदगी करेगी।

खन्ना का कहना है कि फ्रेंच ओपन की कामयाबी के बाद ही सानिया मिर्ज़ा ओलम्पिक की तैयारीयों में मसरूफ़ हैं और वो महेश भूपति के साथ मुल़्क की नुमाइंदगी को तर्जीह देंगे। लेकिन पेस । सानिया की जोड़ी मिक्स्ड डबल्स मुक़ाबलों में मुल़्क की नुमाइंदगी के लिए रास्त दाख़िला हासिल कर सकती है।

अगर सानिया मिर्ज़ा को वाईल्ड कार्ड मिलता है तो फिर हिंदूस्तानी टीम के खिलाड़ी मुख़्तलिफ़ होंगे। ओलम्पिक में मुल़्क की नुमाइंदगी के लिए सोमदेव देवर मन को मौक़ा ना दिए जाने के मुताल्लिक़ किए गए सवाल का जवाब देते हुए खन्ना ने कहा कि हम एक ऐसे खिलाड़ी के साथ पेस के मेडल के हुसूल के इम्कानात को मुतास्सिर ( प्रभावित) करना नहीं चाहते जोकि मुकम्मल फिट नहीं हैं।

इलावा अज़ीं खन्ना ने महेश भूपति और बोपन्ना के ख़िलाफ़ फ़ौरी किसी तादीबी कार्रवाई के इमकानात ( संभावनाओं) को मुस्तर्द ( रद्द्) कर दिया है। इस ख़सूस में ए आई टी ए के सदर का कहना है कि किसी किस्म का सख़्त फ़ैसला मुल्क के मुफ़ाद में नहीं होगा लिहाज़ा ओलम्पिक के बाद ही किसी किस्म की कार्रवाई का फ़ैसला किया जाएगा।