टेलीकॉम सेक्टर में आने वाले हैं अच्छे दिन, जमकर मिलेगी नौकरी

डिपार्टमैंट ऑफ टैलीकॉम (डी.ओ.टी.) एक हफ्ते के अंदर पब्लिक कमैंट लेने के लिए नैशनल टैलीकॉम पॉलिसी 2018 जारी कर सकता है, जिस कारण टैलीकॉम सैक्टर में नौकरियों की बहार लग सकती है। यह जानकारी इससे जुड़े एक अधिकारी ने दी है।

भारतीय टैलीकॉम मार्कीट इस वक्त वित्तीय दबाव झेल रहा है। उम्मीद है कि इस पॉलिसी के बाद यह फिर से ग्रोथ के रास्ते पर आ जाएगा। इस पॉलिसी का उद्देश्य इस सैक्टर में 20 लाख नई नौकरियां पैदा करना और 2022 तक 90 करोड़ ब्राडबैंड कनैक्शन देना है।

संसद में पेश हुए आर्थिक सर्वे में भी टैलीकॉम सैक्टर पर वित्तीय दबाव की बात कही गई थी। इसका कारण इस सैक्टर पर कर्ज का भरी बोझ होना है।

इसके बाद पिछले कुछ समय से टैरिफ वॉर सहित अन्य दिक्कतें भी आ रही हैं। सर्वे में स्पैक्ट्रम की नीलामी के कोल और रिन्यूवल इनर्जी की तरह ट्रांसपेरैंसी वाला तरीका अपनाने की सलाह दी गई है।

ट्राई ने नैशनल टैलीकॉम पॉलिसी 2018 की सिफारिश करते वक्त कहा था कि उसका उद्देश्य इस सैक्टर में 2022 तक 100 अरब डालर का निवेश बढ़ाने का है।

इस पॉलिसी में लाइसैंसिंग को आसान करना और ईज ऑफ डूईंग बिजनैस को बढ़ावा देने का प्रयास है। इसके अलावा टैक्स के मुद्दों को एकीकृत करना भी शामिल है।

केंद्रीय बजट 2018-19 का अध्ययन करने से यह पता चला है कि पिछले 2 वर्षों में केंद्र सरकार में तकरीबन 2.53 लाख नौकरियां पैदा हुईं। वित्त मंत्री अरुण जेतली द्वारा वीरवार को पेश किए गए बजट के दस्तावेजों के अनुसार एक मार्च 2018 तक केंद्र सरकार का अनुमानित कार्य बल 35.05 लाख होगा।

यह मार्च 2016 में 32.52 लाख की संख्या से 2.53 लाख अधिक है। वर्ष 2016 और 2017 के बीच केंद्र सरकार के विभागों में करीब 2.27 लाख नौकरियां पैदा हुईं।