दिल्ली : वजीरे आज़म मोदी ने पीर के रोज़ अजमेर शरीफ दरगाह के पीर सैयद फख्र काजमी चिश्ती के साथ नई दिल्ली में मुलाकात की। पीएम मोदी ने अपने टि्वटर अकाउंट पर इसकी तस्वीर भी पोस्ट की है, जिसमें वह अजमेर शरीफ दरगाह प्रतिनिधिमंडल के साथ साफा पहने खड़े नजर आ रहे हैं।
इससे पहने पीएम मोदी ने कभी भी मुस्लिम पहचान की कोई निशानी को नही अपनाया है लेकिन लगता है उनका दिल तब्दील हो गया है क्योंकि अजमेर शरीफ़ के दरगाह के पीर के साथ जो फ़ोटो ट्विटर पे अपडेट की है उसमे वो मुस्लिम साफा पहने नज़र आ रहे है
खबर है कि ख्वाजा मोइनुद्दीन दरगाह के पीर सैयद फख्र काजमी चिश्ती ने पीएम नरेंद्र मोदी को दरगाह पर जियारत की दावत भी दिया है।
इस दौरान दरगाह प्रतिनिधिमंडल ने पीएम मोदी की दस्तारबंदी की और दरगाह का तबर्रुक उन्हें भेंट किया। प्रतिनिधिमंडल में शामिल सैयद रागिब चिश्ती ने मोदी को शॉल भेंट की।
काजमी ने बताया कि पीएम मोदी ने उन्हें यकीन दिलाया है कि वह जल्द ही अजमेर शरीफ आने वाले हैं। काजमी के साथ गए प्रतिनिधिमंडल में काजमी और रागिब के अलावा सैयद अख्तर रजा चिश्ती, सैयद अकरम हुसैन चिश्ती और सैयद जीशान चिश्ती आदि शामिल थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अप्रैल 2015 में अजमेर शरीफ दरगाह पर चढ़ाने के लिए चादर भेजी थी। पीएम की ओर से केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने यह चादर चढ़ाई थी। आपको बता दें कि नरेंद्र मोदी जब गुजरात के सीएम थे, तब सद्भावना के कार्यक्रम में एक मौलाना ने उन्हें टोपी पहनाने की कोशिश की थी। उस वक्त मोदी ने इनकार कर दिया था। इस मुद्दे को लेकर काफी बहस हुई थी।