ट्रम्प का फैसला शरणार्थियों को यातनाएं देने के बराबर: संयुक्त राष्ट्र

वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की ओर से मुस्लिम देशों पर प्रतिबंध के फैसले की निंदा करते हुए इसे विश्व नियमों के खिलाफ कदम करार दिया है।

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अल अरबिया डॉट नेट के अनुसार पिछले दिनों जेनेवा में होने वाले संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के दौरान ‘संयुक्त राष्ट्र’ के प्रतिनिधियों और विशेषज्ञों ने कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की ओर से सात मुस्लिम देशों के नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश पर प्रतिबंध शरणार्थियों को यातनाएं देने के बराबर है।

गौरतलब है कि इस सप्ताह की शुरुआत में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने प्रवासियों के अमेरिका में प्रवेश रोकने का चुनावी वादा पूरा करते हुए शुरू में ही सात मुस्लिम देशों के मुस्लिम निवासियों के अमेरिका में प्रवेश पर पाबंदी आयद की थी।

राष्ट्रपति ट्रम्प के इस फैसले पर देश और विदेश में भारी विरोध किया जा रहा है, लेकिन वह अपने फैसले पर कायम हैं। राष्ट्रपति ट्रम्प के फैसले के बाद यात्रियों को परेशानी और कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है।

अमेरिका के तीन राज्यों की सरकारों ने भी शरणार्थियों के आगमन लो रोकने का फैसला खारिज करते हुए इस फैसले को अदालतों में चुनौती देने का फैसला किया है। उनका पक्ष है कि विदेशी निवासियों के अमेरिका में प्रवेश पर प्रतिबंध के फैसले से अमेरिकी संविधान के तहत व्यक्ति को प्राप्त धार्मिक स्वतंत्रता का अपमान हुआ है।

संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों ने डोनाल्ड ट्रम्प पर जोर दिया है कि वह युद्ध और उत्पीड़न से अपनी जान बचाकर अमेरिका आने वालों की मदद करें और उन्हें अंतरजातीय, धार्मिक और अन्य किसी प्रकार की भेदभाव के बजाय उन्हें हर संभव सुविधा प्रदान करें।