ट्रेड यूनियनों की हड़ताल, तेलंगाना में आम ज़िंदगी मफ़लूज

हैदराबाद 03 सितम्बर: ट्रेड यूनियनों की मुल़्क में हड़ताल के बाइस रियासत तेलंगाना में भी आम ज़िंदगी मफ़लूज रही, बैंकिंग ख़िदमात मुतास्सिर रहे। मुख़्तलिफ़ बैंकों के 15 हज़ार से ज़ाइद मुलाज़िमीन ने इस आम हड़ताल में हिस्सा लिया।

हुकूमत की लेबर दुश्मन पालिसीयों के ख़िलाफ़ ट्रेड यूनियनों ने एक रोज़ा हड़ताल मनाई। ऑल इंडिया बैंक एम्प्लाइज एसोसीएशन जवाइंट सेक्रेटरी बीएस राम बाबू ने कहा कि दुसरे ट्रेड योनियों के साथ मिलकर रियासत के तमाम ज़िला हैड क्वार्टर्स पर एहतेजाजी धरना मुनज़्ज़म किया गया। अगरचे कि बैंक खुले हुए थे लेकिन कोई काम काज नहीं हुआ।

एटीएम की कारकर्दगी ग़ैर मुतास्सिर रही। तेलंगाना स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट आर्गेनाईज़ेशन की तरफ से चलाई जाने वाली तक़रीबन बसों को रोक दिया गया था। इमली बिन बस स्टेशन, जुबली बस स्टेशन सिकंदराबाद में बसें टिहरी हुई देखी गईं। इस से मुसाफ़िरों को बेहद मुश्किल हुई। ज़ाइद अज़ 2 लाख रियासत सरकारी मुलाज़िमीन ( गज़ीटेड , नान गज़ीटेड और दर्जा चहारुम मुलाज़िमीन ) ने इस हड़ताल में हिस्सा लिया।

आटो रकशहा ड्राईवरों ने भी तेलंगाना बंद में हिस्सा लिया। दोनों रियासतों में बंद का मिला जुला असर देखा गया। हैदराबाद में अवाम को अपने दफ़ातिर और काम की जगह पहूंचने में मुश्किलात का सामना करना पड़ा। आरटीसी बसें बंद होने के बाइस ख़ानगी ट्रांसपोर्ट आपरेटर्स ने मन-मानी किराया हासिल किया।

एमएमिटीएस ट्रेनों में रोज़ से हट कर मुसाफ़िरों की तादाद ज़्यादा देखी गई। रियासती सिंगरेनी कॉलोनीज कंपनी लिमिटेड में काम ठप था। तेलंगाना के दुसरे अज़ला आदिलाबाद, खम्मम, करीमनगर, और वर्ंगल में भी सिंगरेनी कॉलोनीज में काम मुतास्सिर था। रोज़ाना 40 हज़ार टन कोयला निकाला जाता है। इस से बंद के बाइस 10 करोड़ का नुक़्सान हुआ।