एसी कोच में सफर करने वाले यात्रियों के लिए रेलवे एक बदलाव करने जा रहा है। रेलवे बोर्ड ने एक आदेश जारी किया है जिसके मुताबिक एसी डिब्बों में यात्रा करने वाले यात्रियों को जो फेस टॉवेल दिए जाते हैं उनकी जगह पर अब सस्ते, छोटे और एक बार इस्तेमाल करने वाले नेपकिन दिए जाएंगे।
रेलवे, यात्रियों के लिए यात्रा अनुभव को बेहतर बनाने पर ध्यान दे रहा है। इसका एक उदाहरण ये भी है कि कुछ महीने पहले रेलवे बोर्ड ने एसी डिब्बों में यात्रा करने वालों को नायलॉन के कंबल उपलब्ध कराने का सभी जोनों को आदेश दिया था और अब कॉटन के बिना बुनाई वाले फेस टॉवल देने को कहा है।
फिलहाल फेस टॉवेल पर जो खर्च आता है वह प्रति टॉवेल 3.53 रुपए है। सभी रेलवे जोनों के महाप्रबंधकों को 26 जून को भेजे गए पत्र में बोर्ड ने कहा है कि नए नेपकिन पर खर्च कम आएगा क्योंकि उन्हें थोक में खरीदा जा सकता है और वह आकार में भी छोटे होंगे।
एसी डिब्बों में यात्रा करने वालों के टिकट में बेडरोल की कीमत शामिल होगी। इससे पहले रेलवे बोर्ड ने पुराने कम्बलों को हटाकर नए कम्बल खरीदने के निर्देश दिए हैं। नए मानक में कम्बल को एक महीने में दो बार धोया जाएगा, जिससे यात्रियों की गंदे और बदबूदार कम्बल के देने की शिकायत दूर हो जाएगी।
रेलवे बोर्ड ने 8 मार्च को सभी जोनल रेलवे के महाप्रबंधकों को निर्देश जारी कर दिये हैं। इसमें एसी श्रेणी में वितरित होने वाले कम्बल को लेकर नए मानकों का उल्लेख किया गया है।
कम्बल की लंबाई, चौड़ाई, ऊन-नायलॉन का रेशियो, उसका वजन आदि के नए मानक बनाए गए हैं। रेल अधिकारियों का कहना है कि नए मानक से कम्बल का वजन घटकर 460 ग्राम रह जाएगा। जबकि पुराना कम्बल लगभग दो किलो का होता है। पुराने कम्बलों को दो माह में एक बार धोने का प्रावधान था, हालांकि इसका पालन नहीं किया जाता था।
साभार- ‘हिन्दुस्तान लाइव’