भोपाल-हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन में जुमेरात सुबह गढ़वा रोड स्टेशन से पहले मुजरिमों ने मुसाफिरों से लाखों के सामान लूट लिये। उनके साथ मारपीट की। जिन मुसाफिरों से लूटपाट हुई, उनमें बांग्लादेश और श्रीलंका के भी लोग थे। ये लोग भोपाल में मुनक्कीद ऑल इंडिया इसलामिक कांफ्रेंस से लौट रहे थे।
मुजरिमों ने उनका पासपोर्ट भी लूट लिया। गढ़वा रोड पहुंचने पर मुसाफिर जब जीआरपी को तहरीरी शिकायत देने गये, तो जवानों ने उलटे मुसाफिरों को पीटा। इसके बाद गुस्साये मुसाफिरों ने अपना दरख्वास्त वापस ले लिया और हंगामा किया।
कहा कि पुलिस निकम्मी है, इसलिए मुजरिम सरगर्म हैं। रेहला जीआरपी के थाना इंचार्ज आरके सिंह का कहना है कि कोई तहरीरी शिकायत दर्ज नहीं करायी गयी है, लेकिन पुलिस अपने सतह से मामले की छानबीन कर रही है।
बंदूक की बट से पीटा :
मुसाफिरों के मुताबिक, ट्रेन रेणुकूट से रात ढाई बजे खुली थी। इसके बाद ट्रेन का ठहराव गढ़वा रोड जंक्शन पर होता है। रेणुकूट से ट्रेन खुलने के बाद चोपन के पास 10-12 मुजरिमों ने लूटपाट शुरू कर दी।
सामान की तलाशी लेने लगे। बैग खाली मिलने पर उसे ट्रेन से बाहर फेंक देते थे। जब मुसाफिरों ने मुखालिफत किया, तो इनके साथ मारपीट शुरू कर दी। मुजरिमों ने कई मुसाफिरों को बंदूक की बट से पीटा। अफरा-तफरी मच गयी। तमाम मुजरिम मेराल और रमुना के दरमियान वेक्यूम कर ट्रेन से उतर गये। ट्रेन सुबह 4.35 बजे गढ़वा रोड जंक्शन पर पहुंची, तो मुसाफिर स्टेशन पर हंगामा करने लगे।
10-12 लाख की हुई लूट
ट्रेन के बोगी नंबर एस पांच, छह, सात व आठ में सवार मुसाफिरों से मुजरिमों ने 10-12 लाख रुपये के सामान व नकदी लूट लिये। ख़वातीन से उनके गहने भी छीन लिये। मुसाफिरों में मशीर रहमान, अब्दुल कलीम, उवायतुल्लाह, हाजी सज्जाद, मो नासूर, मुख्तार अली, अब्दुल शमीम, अब्दुल जब्बार, फकीर अब्दुल खालिक, रीता, उमावती शामिल हैं। मालूम हो कि गुजिशता 28 अक्तूबर को भी इसी ट्रेन में मुजरिमों ने पांच-सात लाख की लूट की थी।