गुजरात हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दाखिल कर मांग की गई है कि ट्रेनों में शाकाहारी भोजन और मांसाहारी भोजन खाने वाले यात्रियों के बैठने वाली सीटें अलग-अलग की जाएं।
यह जनहित याचिका 67 साल के ई ई सैय्यद ने दाखिल की है। अहमदाबाद के खानपुर निवासी और वकील सैय्यद ने अदालत से अपील की है कि कोर्ट, भारतीय रेलवे को निर्देश दे कि खाने के आधार पर यात्रियों को सीट आवंटित करने की व्यवस्था की जाए। मामले में अगले हफ्ते सनुवाई होने की संभवान है।
कोर्ट में दाखिल की गई याचिका में कहा गया है कि भोजन विकल्पों के अनुसार टिकट बुकिंग के समय शाकाहारी और मांसाहारी को अलग-अलग बैठने का निर्देश दिया जाए ताकि शाकाहारी यात्रियों के लिए कोई असुविधा न हो। पीआईएल के किसी भी तरह से राजनीति से प्रेरित होने की बात को सिरे से खारिज करते हुए सैय्यद ने कहा कि शाकाहारी और मांसाहारी के बीच अलगाव अनिश्चित है।
यात्रियों को उनकी पसंद के अनुसार सेवा करने के संबंध में कोई भेद नहीं है। मामले में याचिकाकर्ता सैय्यद कहते हैं कि वह शुद्ध शाकाहारी हैं उन्होंने इस मामले में पीआईएल दाखिल की है। ऐसा इसलिए किया गया है कि ताकी मांसाहारी और शाकाहारी की अलग से बैठने की व्यवस्था की जा सके।
पीआईएल में पेशे से वकील सैय्यद कहते हैं कि चूंकि टिकट बुकिंग के समय यात्रियों से खाने को लेकर उनकी पसंद के बारे में पूछा जाता है इसलिए खाद्य विकल्पों के साथ सीटों की पसंद को भी प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। ताकि यात्रियों को परेशानी का सामना ना करना पड़े। इसीलिए यह याचिका दाखिल की गई है। सीटों की व्यवस्था खाद्य विकल्पों के आधार पर की जानी चाहिए।