ठोस नतीजा की उम्मीद पर दौरा-ए-पाकिस्तान मुनासिब ( संभव) होगा

वज़ीर-ए‍आज़म ( प्रधान मंत्री) मनमोहन सिंह को पाकिस्तान की तरफ़ से बाक़ायदा दावतनामा से क़ता नज़र दौरा सिर्फ ऐसी सूरत में पेश आएगा जब इस तरह के सफ़र से कुछ ठोस और काबिल मुंतक़ली की हासिल होगी। सदर आसिफ़ अली ज़रदारी ने गुज़श्ता हफ़्ता डाक्टर सिंह को दौरा-ए-पाकिस्तान के लिए बाक़ायदा मदऊ ( आमंत्रित) करते हुए कहा था कि ऐसा सफ़र बाहमी (आपसी) ताल्लुक़ात (संबंध) का जायज़ा लेने के लिए मौक़ा फ़राहम करेगा।

ज़रदारी ने अपने तास्सुर(प्रभावित होने/प्रभाव)का इज़हार किया कि अगर डाक्टर सिंह का दौरा नवंबर में गुरूनानक के यौम पैदाइश (जन्म दिन) के मौक़ा की तक़ारीब (उत्सव) के साथ पेश आता है तो पाकिस्तानी अवाम को ख़ुशी होगी और दोनों मुल्कों की बेन मज़हबी हम आहंगी को फ़रोग़ देने की ख़ाहिश को तक़वियत ( मदद/ सहायता) मिलेगी। नई दिल्ली में ये राय है कि इस तरह का दौरा अगर कुछ ठोस और अमली तौर पर कारकर्द चीज़ें सामने लाता है तो ज़्यादा बामानी ( उचित) रहेगा।