डाँक्टर अब्दुल कलाम के आबाई मुक़ाम रामेश्वरम् में सोगवार

चेन्नई: अन्ना डी एम के सरबराह और चीफ मिनिस्टर जय ललिता ने आज साबिक़ सदर जम्हूरिया डाँक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम के सोग में एक हफ़्ते के लिये तमाम पार्टी प्रोग्राम्स मंसूख़ कर दिए हैं। जिन का कल शाम इंतेक़ाल होगया। उन्होंने एक ताज़ियती बयान में कहा कि वो मादर ताम्मुल के एक अज़ीम सपूत थे और उनकी सादगी और शराफ़त हमेशा याद रखी जाएगी।

चीफ मिनिस्टर ने बताया कि वो मेहनत लगन , असरी मालूमात सलाहियत और जज़बा एस्सार-ओ-क़ुर्बानी के बाइस तारीख में एक बुलंद मुक़ाम हासिल किया था। डी एम के सरबराह मिस्टर एम करूणानिधि ने कहा कि अब्दुल कलाम अपने फ़राइज़ अंजाम देने में कभी नाकाम नहीं रहे।

उन्होंने सोगवार ख़ानदान से ताज़ियत का भी इज़हार किया। इस मौक़े पर करूणानिधि ने एक नज़म में भी तज़किरा किया जिस में अब्दुल कलाम की सताइश और तारीफ़ की गई है। कोलकता से हिन्दी फ़िल्मसाज़ सुनीला माधव पांडा ने आज बताया कि उन्हें इस बात पर फ़ख़र है कि साल 2011 में एक फ़िल्म में कलाम हूँ (I am Kalam) पेश कर के नई नसल को उनके पयाम से आगाह किया था।

इस फ़िल्म में बताया गया था कि एक 10 साला बच्चा मज़दूर किस तरह अपनी ज़िन्दगी को अब्दुल कलाम की तक़रीर समात के बाद तब्दील करदिया था। इस फ़िल्म की ना सिर्फ़ ज़बरदस्त सताइश की गई थी बल्कि बहतरीन बच्चा अदाकार के लिये क़ौमी एवार्ड भी दिया गया था।

पांडा ने ये उम्मीद ज़ाहिर की कि आने वाले दिनों में ये फ़िल्म नौजवान बच्चों के लिये सरचश्मा वजदान साबित होगी और फ़िल्म के अहम किरदार छोटू जैसे कई बच्चे अब्दुल कलाम की तरह हीरो बनने की ख़ाहिश रखते हैं। उन्होंने बताया कि वो बहुत जल्द अब्दुल कलाम की ज़िन्दगी और कारनामों पर एक और फ़िल्म बनाएंगे।

मुंबई में फ़िल्मी अदाकार अमीताभ बच्चन ने साबिक़ सदर जम्हूरीया ए पी जे अब्दुल कलाम की अचानक मौत पर ताज़ियत का इज़हार किया और बताया कि अब्दुल कलाम ने साईंस मिज़ाईल टेक्नालोजी और ख़लाई तहकीकात के आलमी नक़्शे में हिन्दुस्तान को नुमायां मुक़ाम दिलाया था।

अमीताभ बच्चन ने बताया उन्होंने सदर जम्हूरीया के उम्मीदवार की हैसियत से एलान से क़बल अब्दुल कलाम से टेलीफोन पर बात चीत की थी जो कि हमेशा याद रहेगी। नई दिल्ली में इलेक्शन कमीशन ने राय‌ दहिंदगान में शऊर बेदारी के लिये डाँक्टर अब्दुल कलाम की ख़िदमात को नाक़ाबिल फ़रामोश क़रार दिया है और बताया कि आज़ादाना-ओ-मुंसिफ़ाना इंतेख़ाबात को यक़ीनी बनाने के लिये इलेक्ट्रोनिक‌ वोटिंग मशीन के इस्तेमाल में उन्होंने अज़ीम रोल अदा किया था।

इलेक्शन कमीशन ने बताया कि अब्दुल कलाम ने साल 2010 में राय दहनदों के बेदारी शऊर प्रोग्राम में बह नफ़स नफीस हिस्सा लिया था और मुल्क में जम्हूरियत को मुस्तहकम करने के अलमबरदार थे। रामेश्वरम् तामिलनाडू से मौसूला इत्तेलात के बमूजब साबिक़ सदर जम्हूरिया ए पी जे अब्दुल कलाम अपनी मौत से एक दिन क़बल शिलाइंग से टेलीफोन कर के अपने 99 साला बड़े भाई , मुहम्मद मुथू मेरा की सेहत के बारे में दरयाफ़त किया था।

कलाम के भतीजा सेलम ने बताया कि उन्होंने 26 जुलाई की शाम टेलीफोन कर के अपने भाई और दीगर की ख़ैर-ओ-आफ़ियत मालूम की थी और बताया था कि शिलाइंग में मौसम इंतेहाई सर्द है। जहां पर उन्होंने आख़िरी सांस ली है। डाँक्टर अब्दुल कलाम की आख़िरी रसूमात उन के रिश्तेदारों और अवाम की ख़ाहिश के मुताबिक़ बंदरगा ही शहर रामेश्वरम् में अदा की जाएगी।

ज़िला हुक्काम ने रेलवे इस्टेशन से मुत्तसिल एक मस्जिद के करीब क़ब्र के लिये अराज़ी की निशानदेही करली है। जहां पर उनकी तदफ़ीन अमल में आएगी। साबिक़ सदर के एक रिश्तेदार क़ासिम मुहम्मद ने बताया कि रामेश्वरम् में उनकी एक यादगार तामीर की जानी चाहिए । अज़ीम लीडर के एहतेराम में आज रामेश्वरम् में बंद मनाया गया।

हत्ता कि माही ग़ैरों ने आइन्दा 3 दिनों तक समुंद्र में ना जाने का फैसला किया है। कलाम को ख़िराजे अक़ीदत पेश करने के लिये मोमबत्तियों के साथ तलबा-ए-की तवील कतारें देखी गई। सेंट जोज़फ आफ़ कॉलेज के तक़रीबा 5000 तलबा-ए-ने आज एक ख़ामोश जुलूस भी निकाला।