डाकखाने में फर्जी अकाउंट खोल बाप-बेटे ने हड़पे 27 लाख

बाढ 7 मई : डाक मुलाजिम बाप-बेटे ने अपने कारनामों से चिट फंड कंपनियों को भी पीछे छोड़ दिया है। उन्होंने रकम को चार गुना करने का सब्जबाग दिखा कर 153 सरमायाकारों के 27 लाख 46 हजार 32 रुपये हजम कर लिये। अथमलगोला ब्लाक के साइस्तापुर गांव वाक़ेय डाकखाना में डाकपाल रहे बाप और उसके बाद बेटा 20 सालो से यह गोरखधंधा कर रहे थे। जब सर्मायाकारों ने अपनी रकम मांगी और अदायगी में देरी होने पर महकमा में शिकायत की, तो उनके कारनामों का खुलासा हुआ।

डाक महकमा के ओहदेदार तफ्शीश के दौरान उनका कारनामा देख कर अवाक रह गये। बाढ़ के असिस्टेंट सुप्रिटेनडेंट डाक अरुण कुमार मंडल ने अथमलगोला थाने में बाब बेटे के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। इस खुलासे के बाद दोनों अंडरग्राउंड हो गये हैं। सर्मायाकार परेशान हैं कि उनकी रकम उन्हें कैसे मिलेगी। पुलिस मामले की तहकीकात कर रही है।

किस तरह करते थे जालसाजी

साइस्तापुर देहि डाकघर में 20 दिसंबर, 1999 से पहले भूमन सिंह तैनात थे। बाद में उसकी जगह उसका बेटा अनिल काम करने लगा। बाब-बेटे मनमाने तरीके से फर्जी बचत मंसूबा में रुपये को चार गुना तक करने की बात कर सर्मायाकारों से पैसे जमा करवाते थे और इसकी जाली पासबुक इशू करते थे। लेकिन, इसका हिसाब न सरकारी तौर पर पंजी में रखा जाता था और न ही एकाउंटिंग दफ्तर, अथमलगोला को भेजा जाता था।

जांच में पाया गया कि बंद अकाउंट का दोबारह इस्तेमाल कर जमाकर्ता का नाम-पता लिख दिया जाता था, जिस पर फिक्स डिपॉजिट की मंसूबा चलायी जाती थी। इससे महकमा को पता नहीं चलता था। फिर मनमाने तरीके से मूलधन में ब्याज को जोड़ कर दोगुना से चार गुना तक कर दिखा दिया जाता था, जिससे सरमायाकार अचानक ही फंस जाते थे। दोनों इसके लिए डाक महकमा की मुहर और दस्तावेज का इस्तेमाल करते थे। उनकी जालसाजी के शिकार हुए 153 लोगों की शिनाख्त हो चुकी है। इनमें ज्यादातर साइस्तापुर, सिवानी, थंबा, बुधुआचक परसा व बाजिदपुर गांवों के भोले-भाले लोग हैं।