ज़रा तसव्वुर किजिए कि आप अपने मोबाईल फ़ोन पर ही इंतेख़ाबात के दौरान अपने पसंदीदा उम्मीदवार को वोट देने की सहूलत से इस्तेफ़ादा करेंगे तो वो राय दही कितनी शफ़्फ़ाफ़, मुंसिफ़ाना और दयानतदाराना होगी।इस का नाम है ई । इलेक्शन जो दरअसल साबिक़ सदर जम्हूरिया ए पी जे अब्दुल कलाम मुल्क के लिए आइन्दा इंतेख़ाबात को शफ़्फ़ाफ़ बनाने के लिए अपनी तसनीफ़ करदा किताब ए मेनीफ़िसटो फ़ार चेंज में ताईद करते हैं।
अपनी किताब में भी उन्होंने 2020 तक हिन्दुस्तान को एक तरक़्क़ी याफ़ता मुल्क के तौर पर देखने की ख़ाहिश की है। हारपर का लेंस इंडिया की जानिब से शाय की गई इस किताब में अब्दुल कलाम ने मुल्क में पारलीमानी निज़ाम के मौज़ू पर बरसों की तहक़ीक़ के बाद अपने ख़्यालात का इज़हार किया है जिस में उन्होंने एक आज़ादाना तौर पर काम करने वाले लोक पाल बिल (मौजूदा सूरत में नहीं),आज़ादाना काम करनेवाली सी बी आई और आज़ादाना तौर पर काम करनेवाली समाजी अदालतों का तसव्वुर पेश किया है ।ई । इलेक्शन वो मेकानिज़म है जिस की वो भरपूर हिमायत करते हैं। ई। इलेक्शन ना सिर्फ़ आसान इंतेख़ाबी अमल होगा बल्कि इस से करोड़ों रुपये के मसारिफ़ से भी छुटकारा मिल जाएगा|