डाक्टर अब्दुल कलाम ई-इलैक्शन के हामी

ज़रा तसव्वुर कीजिए कि आप अपने मोबाईल फ़ोन पर ही इंतिख़ाबात के दौरान अपने पसंदीदा उम्मीदवार को वोट देने की सहूलत से फ़ादयदा करेंगे तो वो राय दही कितनी शफ़्फ़ाफ़, मुंसिफ़ाना और दयानतदाराना होगी।

इस का नाम है ई-इलैक्शन जो दरअसल साबिक़ सदर जम्हूरिया ए पी जे अब्दुल कलाम मुल्क के लिए आइन्दा इंतिख़ाबात को शफ़्फ़ाफ़ बनाने के लिए अपनी तसनीफ़ करदा किताब ए मेनी फ़िस्टो फ़ार चेंज में ताईद करते हैं। अपनी किताब में भी उन्होंने 2020 तक हिंदुस्तान को एक तरक़्क़ी याफ़ता मुल्क के तौर पर देखने की ख़ाहिश की है।

हारपर कालेंस इंडिया की जानिब से शाय की गई इस किताब में अब्दुल कलाम ने मुल्क में पार्लीमानी निज़ाम के मौज़ू पर सालों की तहक़ीक़ के बाद अपने ख़्यालात का इज़हार किया है जिस में उन्होंने एक आज़ादाना तौर पर काम करने वाले लोक पाल बिल (मौजूदा सूरत में नहीं),आज़ादाना काम करनेवाली सी बी आई और आज़ादाना तौर पर काम करनेवाली समाजी अदालतों का तसव्वुर पेश किया है। ई- इलैक्शन वो मेकानिज़म है जिस की वो भरपूर हिमायत करते हैं।

ई-इलैक्शन ना सिर्फ़ आसान इंतिख़ाबी अमल होगा बल्कि इस से करोड़ों रुपये के मसारिफ़ से भी छुटकारा मिल जाएगा।