डाक्टर ज़ाकिर हुसैन की ज़िंदगी मुस्लमानों के लिए मशाल राह

हैदराबाद । ०९ । फरवरी : ( सियासत न्यूज़ ) : सदर प्रदेश कांग्रेस अक़ल्लीयत डिपार्टमैंट मिस्टर मुहम्मद सिराज उद्दीन ने साबिक़ सदर जमहूरीया हिंद डाक्टर ज़ाकिर हुसैन के 115 वें यौम-ए-पैदाइश के मौक़ा पर उन्हें गांधी भवन में भरपूर ख़िराज-ए-अक़ीदत पेश करते हुए नौजवान नसल बिलख़सूस मुस्लमानों को डाक्टर ज़ाकिर हुसैन के नक़श-ए-क़दम पर चलते हुए तालीम को आम करने का मश्वरा दिया ।

गांधी भवन में डाक्टर ज़ाकिर हुसैन की पोर्टरेट पर गुलहाए अक़ीदत पेश किया गया । इस मौक़ा पर नायब सदर नशीन ए पी कांग्रेस अक़ल्लीयत डिपार्टमैंट मिस्टर मीर हादी अली जनरल सैक्रेटरी प्रदेश कांग्रेस कमेटी मिस्टर जी निरंजन के इलावा दूसरे क़ाइदीन मौजूद थे । मिस्टर मुहम्मद सिराज उद्दीन ने इस मौक़ा पर बात करते हुए कहा कि डाक्टर ज़ाकिर हुसैन की ज़िंदगी मुस्लमानों के लिएमशाल राह है । उन्हों ने मुस्लमानों की तालीमी मआशी पसमांदगी दूर करने के लिए जो ख़िदमात अंजाम दी है वो नाक़ाबिल फ़रामोश है । डाक्टर ज़ाकिर हुसैन का ताल्लुक़सरज़मीन हैदराबाद से था जिन की ख़िदमात मुस्लमानों के लिए काबिल फ़ख़र है ।

23 साल की उम्र में उन्हों ने इस्लाम की तब्लीग़ का बेड़ उठाया हिंदूस्तान के मुस्लमानों को तालीम की तरफ़ राग़िब करने के लिए अनथक जद्द-ओ-जहद की 1948 मैं अलीगढ़ यूनीवर्सिटी के वाइस चांसलर मुंतख़ब हुए । 1954 में उन्हें पदमा भूषण के ऐवार्ड से नवाज़ा गया । 1956 में राज्य सभा के रुकन नामज़द हुए 1957 में बिहार के गवर्नर नामज़द हुए ।

1962 मैं हिंदूस्तान के पहले नायब सदर नामज़द हुए डाक्टर ज़ाकिर हुसैन को 1963 मैं मलिक के जलील-उल-क़दर भारत रतन ऐवार्ड से नवाज़ा गया और 1967 मैं सदर जमहूरीया हिंद बनाया गया इस तरह डाक्टर ज़ाकिर हुसैन ने अपनी ख़िदमात और अमल से मुस्लमानों में पाई जाने वाली तालीमी पसमांदगी को दूर करने के लिए जो ख़िदमात अंजाम दी है वो काबिल-ए-सिताइश है