डाक्टर मुहम्मद वज़ारत रसूल ख़ान की एक और बहू को कॉमर्स एंड मैनिजमेंट में डॉक्टरेट

मुमताज़ माहिर तालीम बानी शादां ग्रुप ओफ़ एजूकेशनल इंस्टीटयूशंस डाक्टर मुहम्मद वज़ारत रसूल ख़ान की बहू मुहतरमा ज़हरा ख़ान ज़ौजा(पत्नी) जनाब मुहम्मद शाह आलम रसूल ख़ान डायरैक्टर शादां एजूकेशनल सोसाइटी ने आचार्य नागर जना यूनीवर्सिटी विजएवाड़ा से ह्यूमैन रिसोर्स मैनिजमेंट के शोबा कॉमर्स एंड मैनिजमेंट में पी एच डी की तकमील की। और डॉक्टरेट हासिल की। मुहतरमा ज़हरा ख़ान ने शादां कॉलेज से बी कोम, शादां इंस्टीट्यूट ओफ़ मैनिजमेंट इस्टेडीज़ खेरताबाद‌ से एम बी ए (एच आर) की पडाइ पुरी की थी।

मुहतरमा ज़हरा ख़ान, उमराए हैदराबाद के ख़ानदान की चशम-ओ-चिराग़ हैं, उन के पड़दादा नवाब नासिर नवाज़ अलद विला बहादुर, नवाब मीर महबूब अली ख़ान, आसिफ़ जाह शुशम, नवाब मीर उसमान अली ख़ान आसिफ़ जाह हफ़तुम के ए डीसी और नवाब आज़म जाह बहादुर नवाब मुअज़्ज़म जाह बहादुर के उस्ताद‌ रहे।
मुहतरमा ज़हरा ख़ां के वालिद(पिता) नवाब मुहम्मद सिराज अलुद्दीन ख़ान जिन का शुमार हैदराबाद के मुमताज़ उमरा-ए-और जागीरदारों में होता है । नवाब नासिर नवाज़ अलदविला के पोतरे हैं। ज़हरा ख़ान के नाना नवाब मिर्ज़ा वाला क़दर बैग 1949में निज़ाम कॉलेज हैदराबाद के गोल्ड मैडलिस्ट रहे हैं।

मुहतरमा ज़हरा ख़ान ने पी एच डी की तकमील करके तालिबात को राह दिखाई है कि सख़्त मेहनत से ख़वातीन(लडकियाँ) आला से आला तरीन तालीम हासिल करसकती हैं। यु तो तालीम निसवां आम है और आला तालीम का झुकाव‌ भी बेहतर होरहा है मगर अब भी पी एच डी करने वाली तालिबात यह ख़वातीन की तादाद बहुत कम है। डाक्टर मुहम्मद वज़ारत रसूल ख़ान जो जुनूबी हिंद में तालीम निसवां के मुहर्रिक तस्लीम किए जाते हैं, मिल्लत की लडकी उन को आला तालीम के लिए उन के अलाहिदा कॉलेजस क़ायम किए। जिस की बदौलत आंधरा प्रदेश की मुस्लिम तालिबात डिग्री से एम बी बी एस तक तालीमी मैदान में सब से आगे हैं।वाज़िह रहे कि डाक्टर ख़ान की ये दूसरी बहू हैं जिन्हों ने पी एच डी की तकमील की।