हैदराबाद 14 जुलाई: सदर नशीन रियासती अक़लियती कमीशन तेलंगाना-ओ-आंध्र प्रदेश आबिद रसूल ख़ां ने कहा कि डाक्टर ज़ाकिर नायक के मसले पर मुसलमानों में बेहस छिड़ गई है। ज़ाकिर नायक की तक़ारीर आया दरुस्त या ग़लत हैं इस मौज़ू पर मुसलमानों की राय मुनक़सिम पाई जाती है। इस मसले को मौज़ू बेहस बनाना मुनासिब नहीं इस से क़ानूनी और दुसरे मसाइल पैदा हो सकते हैं।
उन्होंने कहा कि ज़ाकिर नायक के बारे में मुसलमानों में दो राय है उनमें से एक गिरोह का कहना है कि ज़ाकिर नायक की तक़ारीर दरुस्त हैं और माबक़ी का इसरार है कि वो ग़लत हैं। मुतनाज़ा मबलग़ इस्लाम ज़ाकिर नायक को इन दिनों हमा रुख़ी तहक़ीक़ात का सामना है जिनकी तक़ारीर के बारे में कहा जाता है कि ढाका में हुए हालिया क़त्ल-ए-आम में शामिल् बाज़ इंतिहा पसंदों को मुबय्यना तौर पर उकसाया था। हिन्दुस्तान में उन पर कड़ी नज़र रखी जा रही है जबकि बंगलादेश ने ज़ाकिर नायक के पीस टीवी की नशरियात पर पाबंदी आइद की है और चैनल के ख़िलाफ़ कार्रवाई करते हुए उनकी तक़ारीर का जायज़ा लिया जा रहा है।
शिवसेना ने ज़ाकिर नायक को हिन्दुस्तान पहुंचने पर गिरफ़्तार करने का मुतालिबा किया और उनके टीवी नैटवर्क को बरख़ास्त करने पर-ज़ोर दिया। आबिद रसूल ख़ां ने कहा कि इस मसले पर इतनी बेहस क्युं की जा रही है। फ़र्दे वाहिद के लिए पूरे तबक़ा को मौज़ू बेहस क्युं बनाया जा रहा है ये नामुनासिब बात है इस से मुआशरे में मज़ीद नफ़ाक़ पैदा होगा और ला ऐंड आर्डर के मसाइल भी होंगे जैसा कि इराक़ और ईरान मुल्कों में देखा जा रहा है।हर जगह मुसलमानों के अंदर फूट पाई जाती है, हम इस मसले को यहीं ख़त्म कर देना चाहते हैं। हकूमत-ए-हिन्द की ज़िम्मेदारी है कि वो इस बेहस को ख़त्म कर दे।